LLRM: बिना चीरा लगाये सर्जरी, मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ वी डी पाण्डेय ने बताया कि असमा नाम की 5 साल की बच्ची निवासी राधना, किठौर जनपद मेरठ पिछले 1 साल से इंगवाइनल हर्निया रोग से ग्रसित थी। आसमा के पिता मुहम्मद सलीम ने मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक सुर्जरी विभाग में डॉ गौरव गुप्ता ( एम सी एच ) पीडियाट्रिक सुर्जरी से सलाह ली। डॉ गुप्ता ने आसमा की दुरबीन विधि द्वारा बिना चीरा लगाये सुर्जरी करने की सलाह दी। 20 फरवरी को मरीज को भर्ती कर 24 फरवरी को डॉ गौरव गुप्ता सर्जन, डॉ शीतल, डॉ केतन, एनेस्थेसिया विभाग के सुभाष दहिया, डॉ अभिषेक, ओटी टेक्नीशियन अनुराधा नर्सिंग आफिसर स्वाती, गुरूदेई, गजेंद्र, अंगद आदि ने सफल सुर्जरी की आज मरीज को पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाने पर छुट्टी कट कर दी गयी। बताते चलें कि मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक सुर्जरी विभाग में चीरा लगाकर अनेकों जटिल सुर्जरी पिछले कई वर्षो से लगातार की जाती है जिनमें में से मुख्य रूप से खाने की नली का पूर्ण रूप से न बना होना या स्वास नली से जुड़ा हुआ होना, मूत्र का छेद अपने ठीक स्थान पर न होना, गुदा द्वार का अनुपस्थिति होना या छिद्र का न बना होना आदि हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने बताया कि आज कल बच्चों के माता पिता जागरूक हैं बच्चों में यदि हर्निया, पित्त की थैली की पथरी, अपेंडिक्स का दर्द आदि कोई लक्षण नजर आते ही चिकित्सक से सम्पर्क करते हैं और मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध पीडियाट्रिक सुर्जरी की सुविधाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। मैं डॉ गौरव गुप्ता सर्जन, डॉ शीतल, डॉ केतन, एनेस्थेसिया विभाग के सुभाष दहिया, डॉ अभिषेक, ओटी टेक्नीशियन अनुराधा नर्सिंग आफिसर स्वाती, गुरूदेई, गजेंद्र, अंगद आदि को सफल पीडियाट्रिक लेप्रोस्कोपिक सुर्जरी मेडिकल कॉलेज में प्रथम बार करने पर बधाई देता हूँ।