प्रेमी के कातिल बाप भाई सलाखों के पीछे

kabir Sharma
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यह कहानी मेरठ के पल्लवपुरम इलाके की है। जहां एक युवक प्रतिदिन अपनी प्रेमिका से मिलने आता था। यह बात युवती के भाई व बाप को गंवारा नहीं थी/ सात साल पहले बेटी के प्रेमी संजीव उर्फ सैंकी को जिंदा जलाकर मारने वाले गुलाब सिंह, उसके बेटों पम्मी, जॉनी उर्फ विशाल, सन्नी और एक अन्य राहुल को दोषी करार देकर अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। संजीव का जला हुआ शव गंगानगर थाना क्षेत्र के ललसाना गांव के जंगल में जली वैगनआर में मिला था। न्यायालय ने दोषी पर अर्थदंड भी लगाया है। चर्चित संजीव उर्फ सैंकी हत्याकांड में प्रेमिका ने बेटी बनकर संजीव की मां को इंसाफ दिलाया। इस हत्याकांड में प्रेमिका ने प्रेमी की हत्या के बाद अपने परिवार से किनारा कर लिया और दोषियों को उम्रकैद की सजा दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई। वहीं, बेटे को छह साल बाद न्यायालय से इंसाफ मिला तो मां ब्रह्मवती फफक पड़ी। वह बोलीं, संजीव की हत्या के बाद वह उसकी प्रेमिका को बेटी बनाकर घर लाई थी। उसने भी बेटी का हक निभाया है। सात साल पहले हुई थी वारदात
यह वारदात पल्लवपुरम फेस-2 में पांच दिसंबर 2018 को हुई थी। मवाना थाना क्षेत्र के गांव जंधेडी निवासी संजीव उर्फ सैंकी गुर्जर अपनी प्रेमिका से मिलने पल्लवपुरम आया था। प्रेमिका के सामने ही उसके पिता गुलाब सिंह, तीन भाइयों पम्मी, जॉनी उर्फ विशाल, सन्नी और जॉनी के दोस्त राहुल ने संजीव ने मिलकर सैंकी को कार में जला दिया था। इस मामले में प्रेमिका अपने परिजनों के खिलाफ गवाही देती रही। दो बार परिवार से आमना-सामना हुआ, धमकी भी मिली। इसके बावजूद पीछे नहीं हटी। संजीव की मां के साथ इंसाफ की लड़ाई में आगे रही। 

बुधवार को कोर्ट ने हत्यारों को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसका पता चलते ही संजीव की मां फफक पड़ी और बोली-बेटे को इंसाफ मिल गया है। उसने इसका सारा श्रेय ब्रह्मवती ने अपने बेटे की प्रेमिका को दिया। अदालत के फैसले पर ब्रह्मवती बोलीं-वह उसे (प्रेमिका) पुत्रवधू बनना चाहती थी, सैंकी की हत्या के बाद उसने बेटी बन कर न्याय दिलाया है। न्यायालय ने सही निर्णय सुनाया है। हत्यारों ने उसके इकलौते बेटे की हत्या कर जिंदगी का सहारा छीन लिया।

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