मां की गुहार सुनो सरकार, सभी को मिले शिक्षा का अधिकार के नाम पर सरकार ने कानून तो बना दिया, लेकिन इस कानून को लेकर जो सरकार में जो गंभीरता नजर आनी चाहिए वो नजर नहीं आती। अन्यथा क्या वजह है जो एक मां को जेकेजी इंटरनेशन स्कूल मतें आरटीई के तहत दाखिले को सरकार से गुहार लगानी पड़ रही है। मामला आरटीई के तहत एडमिशन का हो या फिर कोर्ट के आदेश पर पंद्रह फीसदी फीस वापसी का प्राइवेट स्कूलों का रवैया देखकर यही लगता है कि वो कानून व कोर्ट का आदेश मानने को तैयार नहीं। आरटीई के दाखिलों के लिये पूर्व वर्ष की तरह संघर्ष शरू हो गया है। बीएसए ने पहली सूची 31 मॉर्च को जारी कर दी, लेकिन अब जब अभिभावक अपने बच्चों के दाखिले के लिए स्कूल जा रहे है तो स्कूल द्वारा दाखिला नही देने के लिए नए नए बहाने बनाये जा रहे है। अधिकारियों द्वारा ऐसे स्कूलो पर कोई कार्यवाई भी नहीं की जा रही है। निजी स्कूलों की मनमानी बिना अंकुश के लगातार जारी है मामला है। जीपीए की सीमा त्यागी ने बताया कि गाजियाबाद के विजय नगर स्थिति जेकेजी इंटरनेशनल स्कूल का जिसमे निःशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई ) के अंतर्गत अलाभित समूह में दीपक की पुत्री वैष्णवी का दाखिला होना था। आरटीई के अंतर्गत दाखिले के लिये चयनित बच्ची के अभिभावक को स्कूल अलॉटमेंट का लेटर 31 मॉर्च 2023 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यलय द्वारा दे दिया गया था । लेकिन जब बालिका के अभिभावक स्कूल में दाखिले के लिए गये तो उनसे बोल दिया गया कि उनके पास अभी कार्यलय से कोई पत्र नही आया है, जब कुछ दिन बाद फिर बालिका की माँ दाखिले के लिए स्कूल गई तो उसको एक सादे पेपर पर डाक्यूमेंट्स की लिस्ट थमा दी गई जिस पर कही भी स्कूल का नाम अंकित नही है। मजे की बात यह है कि स्कूल द्वारा अभिभावक से 6 महीने की बैंक स्टेटमेंट मांगी गई है जो स्कूल के अधिकार क्षेत्र से बाहर है, जबकिं हम सभी जानते कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा सभी डाक्यूमेंट्स का सत्यापन करके ही बालक / बालिका का चयन आरटीई के अंतर्गत किया जाता है फिर स्कूलो द्वारा बच्चों को दाखिला नही देने के लिए नये नये तरीके क्यो अपनाएं जाते है क्यो बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे स्कूलो पर सख्त कार्यवाई नही की जाती है गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने बताया कि आज आरटीई के अंतर्गत चयनित बालिका की माँ की जेकेजी स्कूल द्वारा दाखिला नहीं लेने की शिकायत हमे प्राप्त हुई है स्कूल द्वारा अभिभावक से अनावश्यक डाक्यूमेंट्स मागे गये है जबकिं आरटीई के अंतर्गत बच्चों का चयन सभी कागजातों की जांच करके ही होता है हमारी कोशिश होगी कि ऐसे स्कूलो पर शिक्षा विभाग द्वारा सख्त कार्यवाई कि जाये और आरटीई के अंतर्गत चयनित बालक / बालिका का दाखिला हर दशा में सुनिश्चित कराया जाये हमारे द्वारा जल्दी ही इस प्रकरण की शिकायत राष्ट्रीय बाल अधिकार सरक्षंण आयोग , नई दिल्ली से भी की जाएगी ।