मंत्री जी गरीबों के कार्ड तो बने ही नहीं

मंत्री जी गरीबों के कार्ड तो बने ही नहीं
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मंत्री जी गरीबों के कार्ड तो बने ही नहीं, करोड़पतियों ने मारा गरीबों का हक, जो साधन संपन्न हैं। सोसाइटी में जिनकी हैसियत बतौर करोड़पति गिनी जाती है, ऐसे लोगों के आयुष्मान कार्ड बना दिए गए हैं, लेकिन मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की जिन्हे वाकई जरूरत थी उनके आयुष्मान कार्ड नहीं बने। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख भाई मंंडाविया मेरठ आए तो प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व प्रदेश की भाजपा ज्वाइनिंग कमेटी के अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने सर्किट हाउस में रविवार देर शाम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर यह मुददा प्रमुखता से उठाया। केंद्रीय मंत्री ने डा. वाजपेयी की बात ध्यान से सुनी और इसको लेकर ठोस काम करने की भी बात कही। डा. वाजपेयी ने बताया कि घरों में झाडू पोछा करने वालों, सड‍़क किराने बैठकर जूता गढने वालों सरीखे समाज के गरीब लोगों के आयुष्मान कार्ड नहीं बनाए गए हैं। जिन्हें केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की सबसे ज्यादा जरूरत है। जिनके लिए पीएम ने यह योजना बनायी है। इस योजना के लागू करने वाले अफसरों ने समाज के इस वर्ग की ही सबसे ज्यादा उपेक्षा या अनदेखी की है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया कि साल 2011 में उन्होंने इस योजना की तमाम खामियों को उजागर किया था। इस योजना की खामियों के तमाम उदाहरण उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्श्य मंत्री के समक्ष रखे। डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने जोर देकर कहा कि नयी जनगणना के आंकड़े शीघ्र ही सरकार को मिलने वाले हैं। उन आकड़ों के आधार पर संशोधित सूची को लेकर समाज के जो गरीब लोग छूट गए हैं, उन्हें शामिल किया जाना चाहिए ताकि इस योजना को लाभ वास्तविक लोगों तक पहुंच सके। आयुष्मान कार्ड और लग्जरी गाड़ी: आयुष्मान कार्ड की खामियों की यदि बात की जाए तो ऐसे तमाम लोगों के आयुष्मान योजना के तहत कार्ड बना दिए गए हैं जो गरीबों को लेकर इस कार्ड को थामें ताम प्राइवेट व महंगे डाक्टरों के अस्पतालों व क्लीनिक में पहुंचते हैं। ऐसे लोगों के हाथों में यह कार्ड पीएम मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजनाो को लागू करने वाले सिस्टम की पोल खोलने का काफी है।

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