कई घरों पर मंडराया खतरा,
मेरठ / सिविलि लाइन के नेहरु रोड इलाके में अवैध रूप से बनाए जा रहे होटल की बिल्डिंग पर लगा टावर ने आसपास के घरों को डेंजर जोन तब्दील कर दिया है। आरोप है कि अवैध होटल के निर्माण के दौरान को लेकर की गयी तोड़फोड़ की वजह से मोबाइल टावर के सुरक्षा उपायों से छेड़छाड़ की गयी है। टावर की सुरक्षा के जो पुराने उपाए थे जानकारों का आरोप है कि अवैध होटल के लिए उनके मानकों को तार-तार कर दिया गया है, जिसकी वजह से होटल की बिल्डिंग की छत पर लगे टावर को आसपास रहने वाले घरों के लिए खतरा माना जा रहा है। लोगों ने तो यहां तक आशंका व्यक्त की है नेहरू रोड की जिस मकान को होटल में तब्दील किया गया है, उसमें निर्माण कार्य के दौरान बडेÞ स्तर पर जो निर्माण टावर के बेस के लिए अनिवार्य माने जाते हैं उनमें भी बड़ा बदलाव कर दिया गया है। इस मकान की कई दिवारों व कमरों को हटाकर होटल के लिए हॉल तैयार किए गए हैं। कमरों दिवारों को हटाना टावर के लिए घातक साबित हो सकता है और इसी के चलते आंधी तूफान आने की स्थिति में इस टावर के आसपास के मकानों पर गिरने की आशंका जतायी ज रही है। यदि वाकई ऐसा हो गया तो अवैध होटल की वजह से संभावित टावर हादसे में हताहतों की संख्या काफी बड़ी भी हो सकती है। तकनीकि जानकार तो यहां तक आशंका जता रहे हैं है कि टावर होटल पर भी गिर सकता है, यदि ऐसा हुआ है हादसे के वक्त होटल में कोई समारोह चल रहा होगा तो भी प्रशासन के तमाम बडेÞ अफसर उस हादसे को लेकर कठघरे में खडेÞ कर दिए जाएंगे। तब सवाल यही पूछा जाएगा कि यदि गाजियाबाद प्राधिकरण के किसी एक्सीयन का नाम इस अवैध होटल के निर्माण से जुड़ गया है तो क्या प्रशासन के अफसरों को हाथ बांध लेने चाहिए या फिर वक्त रहते इस अवैध मुजसमे को इससे पहले कि कोई बड़ा हादसा हो गिरा दिया जाना चाहिए।
एक्सीयन है तो अवैध निर्माण की छूट भी है
नेहरु रोड पर होटल के अवैध निर्माण के पीछे गाजियाबाद प्राधिकरण के एक एक्सीयन का नाम बार-बार लिया जा रहा है। मेरठ विकास प्राधिकरण के स्टॉफ में भी इसको लेकर खासी चर्चा है कि अमुक एक्सीयन की वजह से मेडा के उच्च पदस्थ अफसर कार्रवाई के लिए हाथ खोलने के बजाए हाथ बांध कर खडेÞ हो गए हैं। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तो दूर की बात इस अवैध होटल पर एक दिन या एक घंटे के सील तक नहीं लगायी गयी। या फिर यह मान लिया जाए कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के एक्सीयन का खौफ इतना है कि मेडा अफसर कार्रवाई तो दूर की बात अवैध होटल का निर्माण रोकने के लिए नेहरु रोड पर जाने तक का साहस नहीं जुटा रहे हैं। मेडा के कई अधिकारियों से इस अवैध होटल को लेकर जब बात की गयी तो वो पीछा छुड़ाते नजर आए।