एमडीए के भ्रष्ट भी कम जिम्मेदार नहीं, 366 अवैध कालोनियां चिन्हित कर पीठ थपथपाने वाले अफसर यह भूल गए कि ये अवैध कालोनी एमडीए के कुछ भ्रष्ट अफसरों की ही देन हैं। कालोनियों पर कार्रवाई की बात करने वाले अफसर अवैध कालोनियों के लिए जिम्मेदार अपने स्टाफ पर कार्रवाई के सवाल पर चुप्पी साधे हैं। अंसल टाउन, हरमन सिटी, ईशापुरम, अमोलिक एन्क्लेव, सनराइज सरीखी बड़ी कालोनियां काट दी गयीं और एमडीए अफसरों को भनक तक नहीं लगी यह बात गले नहीं उतरती। हैरानी तो इस बात की है कि ध्वस्तीकरण के आदेश के बाद भी अवैध कालोनियों की ओर जेसीबी भेजने की हिम्मत तक एमडीए अफसर नहीं जुटा पा रहे हैं। सवाल तो पूछा जाएगा कि भूमाफियाओं से एमडीए अफसरों का यह रिश्ता क्या कहलाता है। दरअसल महानगर में तेजी से पनप रही अवैध कॉलोनियों को रोकने में मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) के पसीने छूट रहे हैं। लगातार अभियान के बावजूद इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। अब एमडीए ने सर्वे के बाद सभी 366 अवैध कॉलोनियों की सूची वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। इसकी जानकारी शासन को भी दे दी है। एमडीए के मुख्य द्वार पर लगाई गई स्क्रीन पर प्रसारण शुरू कर दिया गया। एमडीए ने हाल ही में ड्रोन से सर्वे किया था, जिसमें 301 अवैध कॉलोनी सामने आई थीं। एमडीए उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने जोनवार फिर से सर्वे कराया, जिसमें 366 अवैध कॉलोनियां उजागर हुईं। मंगलवार को एमडीए के मुख्य प्रवेश द्वार के बराबर में लगाई गई डिस्प्ले पर अवैध कॉलोनियों का ब्योरा लगातार स्क्रीन पर डिस्प्ले किया जाता रहा। अफसरों के फोन घनघनाते रहे। एमडीए की ओर से पिछले छह महीने में ही 123 अवैध कॉलोनियों को जमींदोज कर दिया गया। एमडीए की ओर से दी गई जानकारी में स्पष्ट भी किया गया है कि ध्वस्तीकरण किया जा चुका, लेकिन कई स्थानों पर फिर से कॉलोनी काटी जा रही हैं। सचिव चंद्रपाल तिवारी ने बताया कि 50 करोड़ से अधिक की भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया। एमडीए उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि सर्वे में 366 अवैध कॉलोनियां उजागर हुईं, जिनका पूरा विवरण वेबसाइट पर मिल जाएगा। लोग झांसे में न आए। प्रॉपर्टी खरीदने से पहले पूरी जानकारी लें। 137 के हो चुके ध्वस्तीकरण के आदेश
एमडीए ने 366 अवैध कॉलोनियों का स्टेटस भी डाल दिया है। इसमें कई बड़े ग्रुप व नामी बिल्डरों की कॉलोनी शामिल हैं। 137 प्रकरण में जहां ध्वस्तीकरण के आदेश पारित कर दिए गए हैं तो 97 मामलों में सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे ही 57 मामलों में जहां चालान की कार्रवाई की गई तो वहीं कुछ में हाइकोर्ट में मामले विचाराधीन हैं और कुछ में स्टे भी है। अंसल टाउन, मोदीपुरम- मदनपाल व समरपाल द्वारा 60 हजार वर्ग गज में बसाई कालोनी को ध्वस्तीकरण आदेश पारित। द्वारिकापुरी के सामने सिटी गार्डन के पास नूर नगर रोड पर कुंवर दिलशाद अली की सात हजार वर्ग मीटर में बनाई कॉलोनी के 22 मई 2019 व 8 दिसंबर 21 को ध्वस्तीकरण आदेश पारित। हरमन सिटी बागपत रोड- मुकेश सिंघल, शेर सिंह, राकेश सैनी द्वारा 10 बीघा व अन्य 9 बीघा में बन रही कॉलोनी को 20.7.19 व 31.8.19 को ध्वस्तीकरण आदेश पारित। ईशापुरम फेस-2 सिखेड़ा रोड- अभिषेक चौहान द्वारा सात हजार वर्ग गज में कॉलोनी बनाने के मामले में सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है। अमोलिक एन्क्लेव फेस-2 ग्राम जेवरी-नीरज मित्तल, व अखिलेश गोयल द्वारा 32 हजार वर्ग गज में बनाई जा रही कॉलोनी, 15 दिसंबर 2020 को ध्वस्तीकरण किया। सनराइज कॉलोनी बागपत रोड-ऋषिपाल यादव द्वारा चार हजार वर्ग मीटर में बनाई जा रही कॉलोनी के लिए 2 सितंबर 22 को ध्वस्तीकरण आदेश पारित। खाटूधाम कॉलोनी रोहटा रोड-जरनैल सिंह द्वारा 28 हजार वर्ग गज में बसाई जा रही कॉलोनी पर सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है। जामिया रेजीडेंसी बिजली बंबा बाईपास- दस हजार वर्ग मीटर में राहुल चौधरी तथा मौ. शादाब, हाजी सलीम व आलम द्वारा 2000 वर्ग मीटर में बनाई जा रही कॉलोनी के लिए 9 जून 2022 को ध्वस्तीकरण आदेश पारित। एकता नगर रोशनपुर डोरली-कुलवीर सिंह द्वारा 4 हजार वर्ग गज में बसाई जा रही कॉलोनी को ध्वस्तीकरण आदेश पारित। उदयकुंज उदय सिटी पल्लवपुरम फेस-2, वासुपुन्य डव्लपर्स द्वारा 20 हजार वर्ग मीटर में बसाई जा रही कॉलोनी को 6 मई 2022 को ध्वस्त कर दिया गया व एक अन्य मामले में सुनवाई प्रक्रिया चल रही है। शिव धाम कॉलोनी भूड़बराल- अरविंद सिंघल व अमित सिंघल द्वारा 6000 वर्ग गज में बनाई जा रही कॉलोनी को 14 अप्रैल 2021 में ध्वस्तीकरण आदेश पारित हो चुके हैं।