मेडिकल CTVS OT चोरी: लीपापोती

मेडिकल CTVS OT चोरी: लीपापोती
Share

मेडिकल CTVS OT चोरी: लीपापोती, मेरठ। एलएलआरएस मेडिकल के CTVS  OT से आपरेशन में यूज होने वाला सामान अरसे से गायब हो रहा है। इस बात की शिकायत वहां डयूटी करने वाले किसी महिला कर्मचारी द्वारा मेडिकल के प्रधानाचार्य से भी की गयी है, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि CTVS OT में होने वाले आपरेशनों में प्रतिदिन यूज किए जाने वाले इन महंगे क्लीनिकली इंस्ट्रूमेंट की चोरी के मामले में जांच कर तहत तक पहुंचने के बजाए आरोपी पर कठोर कार्रवाई करने के उल्टे शिकायत करने वाली महिला कर्मचारी को ही नाप दिया गया है। चोरी के मामले को उजागर कर उच्च पदस्थ तक पहुंचाने के बजाए उक्त कर्मचारी को ही मुंह बंद रखने के लिए ड्यूटी से हटा दिया गया है। आरोप है कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि सच्चाई पर पर्दा डाला जा सके। और एलएलआरएम की CTVS OT में चोरी व लूट का सिलसिला यूं ही बगैर किसी रोक टोक के चलता रहे। सुनने में आया है कि जो सामान चोरी या कहें गायब जैसा की आरोप लगाया गया है, हो रहा है, वह उत्तराखंड राज्य स्थित किसी मैट्रो हॉस्पिटल पहुंचाया जा रहा हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि CTVS OT में जो कुछ हो रहा है उसको लेकर CTVS OT से जुड़ा स्टाफ आफ दा रिकार्ड  डा. रोहित चौहान पर उंगली उठा रहा है। इसके अलावा एक और बड़ा सवाल यह पूछा जा रहा है कि जब मेडिल में खुद का अपना पर्याप्त स्टाफ है तो फिर आउटर को क्यों डयूटी के नाम पर या बगैर डयूटी के CTVS OT एंट्री दी जाती है। आउटर को एंट्री दिए जाने के पीछे की मंशा क्या है। सूत्रों ने तो यहां तक जानकारी दी है कि CTVS OT में अब तक जितना भी सामान गायब हो चुका है उसकी पूरी लिस्ट मेडिकल प्रधानाचार्य को भी उपलब्ध करा दी गयी है। पूरा मामला उनकी जानकारी में डाला गया है। दरअसल होता यह है कि CTVS OT में जितने भी उपकरण जिनकी आपरेशन में जिन्हें यूज किया जाता है, बताया जाता है कि जो भी इंचार्ज होता है वह उनकी प्रतिदिन काउंटिंग करता है। लेकिन सुनने में आया है कि तमाम क्लीनिकली इंस्ट्रूमेंट अरसे से दिन ब दिन कम होते जा रहे हैं। अब हालत यह हो गयी है कि CTVS OT में आपरेशन मे काम आने वाले जो क्लीनिकली इंस्ट्रूमेंट बेहद जरूरी होती हैं वो अब CTVS OT हैं नहीं, जबकि उन्हें होना चाहिएं। मामले की गंभीरता इसी बात से समझी जा सकती है कि इस मामले का खुलासा करने वाले स्टाफ की वहां से डयूटी हटा दी गयी है जबकि हो बेहतर तो यह होता कि जो भी शक के दायरे में हैं थाना मेडिकल में एक तहरीर देकर उन सभी के नाम पुलिस को बताए जाते लेकिन ऐसा हो न सका।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *