मेरठ: कैंट के कंधों पर शहर के ट्रैफिक का बोझ, महानगर में अब लोग कन्नी काटने लगे हैं शहर की सड़कों से, दूरी ही सही वाया केँट होकर जाना करते हैं पंसद

मेरठ महानगर में बेतकरीब डायवर्जन का बोझ कैंट की सड़कों को ढोहना पड़ रहा है, इसके लिए सबसे ज्यादा कसूरवार ट्रैफिक पुलिस का सिस्टम है जहां बगैर कुछ सोचे समझे कहीं भी अवरोध लगाकर कैंट की ओर ट्रैफिक डायवर्ट किया जाता है
मेरठ। कैंट इलाके में सड़कों की बदहाली की बड़ी वजह पूरे महानगर का बेतरकीब ट्रैफिक सिस्टम और अनावश्यक रूट डायवर्जन थोपने के चलते शहर के ट्रैफिक का बोझ कैंट की सड़कों पर लाद दिया जाना। कैंट की बात करें तो यहां की सड़कों की मिसाल केवल मेरठ ही नहीं बल्कि देश भर में जहां भी सड़कों के रखरखाव की बात की जाती थी, वहां दी जाती थी, इसमें कोई दो राय नहीं कि कैंट की सड़कें बेमिसाल हुआ भी करती थीं। आमतौर पर कैंट इलाके का यूज लोग इवनिंग व मार्निंग वॉक के लिया किया करते थे, लेकिन पिछले करीब पांच सालों के दौरान कैंट की सड़कों पर शहर के ट्रैफिक का गैरजरूरी बोझा लाद दिया गया है। इसकी बड़ी वजह बेतरकीब यातायात और इस यातायात को संभालने वाली ट्रैफिक पुलिस का बेढंग ट्रैफिक कंट्रोलिंग सिस्टम है। इसका नतीजा यह हुआ कि लोग शहर के बीच से होकर जाने में अब परहेज बरतने लगे हैं। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर में रहने वाले लोग अब शहर की सड़कों से कन्नी काटने लगे हैं। मसलन किसी को मेडिकल से सिटी स्टेशन जाना हो तो बजाए गढ रोड, इंद्रा चौक शहर घंटाघर होते हुए सिटी स्टेशन तक पहुंचने के वो लॉग ड्राइव कर वाया सीसीएसयू, जेल चुंगी, कमिश्नरी आवास चौराहा, माल रोड की लंबी दूरी, लालकुर्ती, हनुमान चौक, वेस्ट एंड रोड होते हुए सिटी स्टेशन पहुंचने को तरजीह देते हैं। जब शहर वालों का यह हाल है तो बाहर से आने वालों की बात ही क्या करनी और इसके लिए लोग नहीं बल्कि शहर का ट्रैफिक सिस्टम संभालने वाले जिम्मेदार हैं जिसकी वजह से कैंट सड़कों पर शहर के ट्रैिफक का लोड पड गया है नतीजा यह हुआ कि हैवी ट्रैफिक के चलते शहर की सड़कों का रखरखाव तक नहीं हो पा रहा है। कैंट बोर्ड के रखरखाव के चलते कैंट की जिन सड़कों की मिसाल दी जाती थी वो उन सड़कों का पेंच वर्क भी कर दिया जाए हैवी ट्रैफिक के चलते इतना भी समय नहीं मिल पा रहा है। कैंट की सड़कें तब तक पुरानी स्थिति में नहीं आ सकती जब तक कि शहर के ट्रैफिक का लोड कम ना कर दिया जाए। इसके लिए जरूरी है कि अनावश्यक रूट डायवर्जन हटाने होगे। बजाए डायवर्जन थापने के शहर में ट्रैफिक मैनेजमेंट को दुरूस्त करना होगा।
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