मेरठ से लखनऊ तक राजनीतिक घमासान, थाने में भाजपाइयों की नो एंट्री का पोस्टर क्या लगा, देखते ही देखते मेरठ से लेकर लखनऊ तक का राजनीतिक माहौल गरमा गया। उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के एक ट्विट ने तो आग में घी का काम किया। मेरठ के थाना मेडिकल के बाहर लगाए गए भाजपाइयों के पोस्टर की उलाहना देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि – ऐसा पहली बार हुआ है इन पांच-छह सालों में, सत्तापक्ष के लोगों का अना मना हुआ थानों में। ये है उप्र की भाजपा सरकार का बुलंद इकबाल। जिस समय मेडिकल थाने में हंगामा चल रहा था, उसके कुछ देर बाद ही सीएम आदित्यनाथ ने भी ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि पिछली सरकारों के समय थाना और तहसील गिरवी रख दिए जाते थे। मगर भाजपा का कोई भी कार्यकर्ता अनावश्यक सिफारिश के लिए किसी थाने या तहसील में नहीं जाता है। नेता प्रतिपक्ष और सीएम के ट्विट के बाद तो मानों पुलिस महकमे में तूफान आ गया हो। तमाम आला पुलिस अधिकारियो के फोन घनघनाने लगे।
हंगामी भाजपाई गिरफ्तार
जो हंगामा कर रहे थे उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि अपनी ही सरकार में बैकफुट पर आना पड़ जाएगा। इतना ही नहीं उनके जो पैरोकार एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद सिफारिशी फोन कर रहे थे, मामले में सीएम और नेता प्रतिपक्ष के टविट के बाद अब वो भी अंतर्ध्यान हो गए हैं। सिफारिशी फोन करने वालों को अब कुछ अता पता नहीं। वहीं दूसरी ओर मेरठ में मेडिकल थाने में बैनर लगाकर हंगामा करने के मामले में पुलिस में नामजद चारों आरोपितों समेत दो अन्य युवकों को भी गिरफ्तार कर लिया। सभी का मेडिकल कराने के बाद उनको कोर्ट में पेश करने की तैयारी की जा रही है। वीडियो फुटेज के आधार पर शम्भू पहलवान उर्फ प्रशान्त कौशिक, सागर पोसवाल, कुलदीप मसूरी, अंकुर चौधरी, अमित भड़ाना, अमर शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है।