
कलावा निकलवाने से तमाम लोगों की भावनाएं आहत, बेटियां बोली हेयर व नोज पिन तथा रूद्राक्ष की माला से कोई कैसे कर सकता है नकल, अफसराें की सोच पर बेहद गंभीर उठाए जा रहे हैं लोगों द्वारा सवाल, परीक्षा के नाम पर अपमान करने के लगाए जा रहे हैं आरोप
मेरठ/नई दिल्ली। देश भर में करीब बाइस लाख बच्चे नीट की परीक्षा में शामिल हुए, लेकिन नकल रोकने के नाम पर जो कुछ किया गया उससे जबरदस्त नाराजगी है। पूर्व के सालों में नकल रोकने नाम पर अंडर गारमेंट उतरवाने जैसे मामले हो चुके हैं। उसके चलते एफआईआर दर्ज करायी गयीं, लेकिन सिस्टम है कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहा है। आज हुई नीट परीक्षा में भी कुछ ऐसा ही हुआ। मेरठ शहर के बीस सेंटरों आयोजित नीट एग्जाम के परीक्षार्थियों को बेहद अपमानजनक स्थिति से गुजारा गया। नकल रोकने के नाम पर हाथ में बांधे धार्मिक आस्था से जुड़े कलाबे खुलवाकर जमीन पर फैंक दिए गए। इससे लोगों की भावनाएं आहत हुई, लेकिन नीट परीक्षा देनी थीं, इसलिए बजाए किसी प्रकार की आपत्ति दर्ज कराने के उन्होंने संयम बरता। जो युवतियां परीक्षा में शामिल होने के लिए पहुंची थीं, जांच के नाम पर उनके साथ जो किया गया उसको स्वीकार्य नहीं किया जा सकता। बालों में लगायी गयीं हेयर पिन तक निकलवा दी गयीं। हेयर पिन निकलवाए जाने की वजह से बाल खुलकर फैल गए। तमाम ऐसी युवतियां थीं जिनके पास अपने सिर के बाल बांधने के लिए हेयर पिन के अलावा कोई दूसरी चीज नहीं थीं, परीक्षा आयोजित कराने वाले अफसरों को तमाम युवतियों के सिर में लगा हेयर पिन नकल कराने का तरीका नजर आया। हेयर पिन से कोई कैसे नकल कर सकता है, इसका कोई उदाहरण भी याद नहीं आता ना ही कोई ऐसी घटना जिससे साबित हो सके कि हेयर पिन से देश के अमुक शहर में अमुक सेंटर पर किसी ने नकल की हो। कुछ ने शिकायत की कि उनकी नोज पिन तक निकलवा कर रखवा दी गयीं। यह अपमान जनक तरीके की पराकाष्ठा के अलावा कुछ भी नहीं हो सकता। नकल रोकने के नाम पर जिस प्रकार के तरीके तमाम नीट सेंटरों पर आजमाए गए उनसे उन परीक्षार्थियों के परिजनों में जबरदस्त नाराजगी है जो परीक्षार्थियों के साथ उन्हें नीट की परीक्षा दिलाने केि लिए तमाम सेंटरों पर पहुंचे थे। जिस प्रकार का व्यवहार नीट परीक्षा सेंटरों पर किया गया वह मानसिक पीड़ा देने सरीखा है। कुछ परीक्षार्थियों ने शिकायत की कि उनके जूते चप्पल तक उतरवा दिए गए। नकल रोकने का काम सेंटर के परीक्षा कक्ष के भीतर होना चाहिए। एक एक परीक्षार्थी पर नजर रखी जानी चाहिए, वो ना करके ये किया जाना किसी भी प्रकार से किसी को भी स्वीकार्य नजर नहीं आया। परीक्षार्थयों के साथ आए उनके परिवार वालों में इसको लेकर जबरदस्त नाराजगी देखी गयी। उन्हाेंने अफसरों को बगैर किसी का नाम लिए खूब खरीखोटी सुनाई। उनका कहना था कि परीक्षा के नाम पर केवल और केवल अपमानित किए जाने की अफसर ठाने बैठे हैं। यह तरीका अनुचित व अस्वीकार्य है।
ये थी टाइमिंग
शहर में 4 मई को बीस सेंटरों पर नीट की परीक्षा आयोजित की गयीं। इनमें 9600 परीक्षार्थी के लिए इंतजाम किया गया था। सुबह 11 बजे से परीक्षा केंद्र पर एंट्री दी गई। दोपहर डेढ बजे सेंटर के गेट बंद कर दिए गए। निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों का इंतजाम, परीक्षा कक्ष में प्रवेश का अंतिम समय दोपहर 1.40 बजे प्रश्न पुस्तिका का वितरण 150 बजे व परीक्ष समाप्ति का समय शात पांच बजे व दिव्यांग के लिए एक घंटे की छूट यानि शाम छह बजे। सभी सेंटर माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में रखे गए। एडमिट कार्ड की दो एक्सट्रा कापी लेकर पहुंचना जरूरी थी। तमाम प्रकार की डिवाइस परीक्षा केंद्र में वर्जित की गयी थीं।
अंडरगारमेंट उतरवाने पर हो गयी थी एफआईआर
पूर्व में परीक्षा के दौरान अंडर गारमेंट उतरवाए जाने तथा चैकिंग के नाम पर अनुचित किए जाने पर सेंटर के संचालकों पर मुकदमा तक दर्ज कराया जा चुका है, लेकिन उससे बजाए सबक लेने के तमाम पुराने हथकंड़े अपनाए जा रहे हैं।
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