मेरठ: मंत्री पूर्व मंत्री व विधायक को ज्ञापन

kabir Sharma
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मेरठ। निजीकरण के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के क्रम में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के पदाधिकारियों ने दिया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर 01 मई को प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर निजीकरण के विरोध में विशाल बाइक रैली निकाली जायेंगी। ज्ञापन दो अभियान के अंतर्गत आज ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर सहित प्रदेश में कई विधायकों और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिए। निजीकरण के विरोध में आज प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोधी सभा की गई।
संघर्ष समिति ने कहा कि विद्युत वितरण निगमों में मनमाने ढंग से कार्य के मापदंड तय करने और कर्मचारियों की संख्या घटाने के प्रबंधन के एकतरफा निर्णय से 01 मई से 25000 से अधिक संविदा कर्मी नौकरी से निकाले जा रहे हैं। इससे प्रदेश भर में बिजली कर्मचारियों में भारी गुस्सा फूट पड़ा है। भीषण गर्मी में संविदा कर्मियों को इतने बड़े पैमाने पर निजी घरानों की मदद के लिए हटाया जा रहा है जिसका बिजली आपूर्ति पर भारी दुष्प्रभाव पड़ने वाला है। संघर्ष समिति ने कहा कि इस भीषण गर्मी बिजली के व्यवधान के लिए सारी जिम्मेदारी केवल प्रबंधन की होगी।
संघर्ष समिति ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन पर हठवादी रवैया अपनाने और ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति पैदा करने जैसी कार्यवाहियां करने का आरोप लगाया है । संघर्ष समिति ने कहा है कि निजीकरण में इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने जा रहा है फिर भी प्रदेश के ऊर्जा मंत्री कंसल्टेंट के झूठे दस्तावेज और दोष प्रमाणित हो जाने के बाद भी चुप्पी साधे हुए हैं।
संघर्ष समिति मेरठ के पदाधिकारियों इं सी पी सिंह (सेवानिवृत), इं कृष्ण कुमार साराश्वत, इं निशान्त त्यागी, इं प्रगति राजपूत, कपिल देव गौतम, जितेन्द्र कुमार, दीपक कश्यप, प्रदीप डोगरा, भूपेंद्र, कासिफ आदि ने आज यहां कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में मजदूर दिवस के अवसर पर सभी जनपदों और परियोजनाओं पर बाइक रैली निकालकर आम जनता को निजीकरण से होने वाले नुकसान से अवगत कराया जाएगा और सरकार का ध्यानाकर्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी स्थानों पर बाइक रैली शाम 5:00 बजे निकाली जाएगी और रैली के दौरान बिजली कर्मी पूरा अनुशासन बनाए रखते हुए ट्रैफिक व्यवस्था डिस्टर्ब न हो इसका पूरा प्रयास करेंगे। निजीकरण से किसानों और आम घरेलू उपभोक्ताओं को होने वाले नुकसान के कट आउट और स्टीकर बाइक पर और हेलमेट पर लगे रहेंगे। उन्होंने बताया कि 05 महीने से अधिक समय तक बिजली कर्मियों ने शांतिपूर्वक विरोध सभाएं कर सरकार और पावर कार्पोरेशन प्रबंधन का ध्यान आकर्षण करने की कोशिश की किंतु अत्यंत दुर्भाग्य की बात है कि 05 महीने में संघर्ष समिति से एक बार भी वार्ता नहीं की गई जिससे बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त है। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि मजदूर दिवस पर शांतिपूर्वक बाइक रैली निकालने के बाद अगले दिन से निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों का आंदोलन प्रारंभ होगा जिससे होने वाले किसी भी दुष्परिणाम की सारी जिम्मेदारी सरकार और प्रबंधन की होगी।
ज्ञापन दो अभियान के अंतर्गत आज मेरठ में ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर जी को बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव को निरस्त करने के लिए ज्ञापन दिया गया। इसके अतिरिक्त किठौर के विधायक शाहिद मंजूर, सिवाल खास के विधायक गुलाम मोहम्मद को ज्ञापन दिए गए। संघर्ष समिति ने कहा है कि आंदोलन के साथ ज्ञापन दो अभियान भी 15 मई तक जारी रहेगा। उत्तर प्रदेश के सभी सांसदों और विधायकों को बड़े आंदोलन के पहले ज्ञापन देकर निजीकरण से होने वाले नुकसान के प्रति आगाह कर दिया जाएगा।

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