मीडिया से कन्नी काट रहे एमडीएम सचिव, मुख्य मंत्री के आदेशों से मेरठ विकास प्राधिकरण के सचिव कन्नी काट रहे हैं। सीएम की हिदायत के बाद भी एमडीए सचिव मीडिया कर्मियों के फोन काल्स रिसीव करने को तैयार नहीं। सुनने में आया है कि सवाल करने वाले मीडिया कर्मियों के नंबर उन्होंने ब्लाक कर दिए हैं। दरअसल अवैध निर्माण खासतौर से मेरठ महानगर के वो अवैध निर्माण जिनसे या तो मेरठ विकास प्राधिकरण के जोनल अधिकारी व जेई अनभिज्ञ बने हुए हैं या फिर यूं कहें कि उनकी छत्रछाया में तमाम अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। लोगों ने बताया कि उन्होंने अपने इलाकों में अवैध निर्माणों की बाकायदा लिखित सूचना व शिकायत मेरठ विकास प्राधिकरण को की है। मौके पर जोनल अधिकारी व जेई पहुंचते हैं। वहां पहले दिन सील लगायी जाती है और फिर रातों रात सील को हटाकर वहां दाेबारा से अवैध निर्माण शुरू करा दिया जाता है। इसकी जब दोबारा शिकायत की जाती है तो फिर एमडीए का स्टाफ बजाए कार्रवाई के उल्टे शिकाय करने वालों को ही धमकाना शुरू कर देते हैं। अवैध निर्माण रोके जाने के नाम पर पूरे शहर में एमडीए के स्टाफ का यह खेल चल रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि सेटिंग का खेल इतना बढ़िया हुआ कि सचिव कंप्लेंट शिकायत नहीं देखना चाहते अपने व्हाट्सएप पर या सरकारी नंबर पर। अब ताे एक ही चारा है कि ऐसे अवैध निर्मणों की शिकायत सीधे पीएमओ, सीएम कार्यालय और मंडलायुक्त से की जाए। मेरठ की बात की जाए तो तमाम लोगों के लिए अब मंडलायुक्त व जिलाधिकारी से ही उम्मीद रह गयी है। अवैध निर्माणों पर बजाए कार्रवाई के जो भी इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं उनको हत्या जैसी धमकियां अज्ञात लोग दे रहे हैं। पिछले दिनों एक आरटीआई एक्टिविस्ट के साथ भूमाफियाओं व एमडीए के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के इशारे पर जानलेवा हमला किया गया। जोन सी वन दशमेश नगर में चल रहे अवैध निर्माणों पर अभियंता द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। (वीके गुप्ता की रिपोट)