ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक कार नो पार्किंग जोन में खड़ी थी, इसलिए उसे पुलिस लाइन ले जाया गया। सपा जिलाध्यक्ष का आरोप है कि उनकी गाड़ी नो पार्किंग जोन में नहीं थी
मेरठ। सपा के जिलाध्यक्ष ने सिटी मजिस्ट्रेट के आवास के बाहर नो पार्किंग जोन में गाड़ी खड़ी कर गलती की, एक तो गलती फिर उस पर धरने पर बैठ जाना यह तो मुनासिब नहीं बल्कि अपनी पार्टी की इमेज खराब करना है। इसी तरह का कृत्य आप के जिलाध्यक्ष ने भी किया। बजाए समझाने के अंकुश चौधरी भी धरने पर बैठ गए। हालांकि सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी ने इस बात को एक सिरे से खारिज किया कि उनकी गाड़ी नोपार्किंग जोन में खड़ी थी, यह बात सही है तो फिर गलती कार उठाने वालों की है। रही ट्रैफिक पुलिस पर उगाही के आरोपों की बात वो हम भी मानते हैं कि आपका आरोप सही है, लेकिन धरना देकर यहां पर निश्चत रूप से चूक कर दी। इससे बचा भी जा सकता था। दरअसल हुआ यह कि सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी बुधवार को किसी काम से कचहरी में आए थे। उन्होंने अपनी कार को सिटी मजिस्ट्रेट के आवास के बाहर नो पार्किंग जोन में खड़ी कर दी। इस दौरान यहां पर जाम लग गया। तभी यातायात पुलिस आई और जिलाध्यक्ष की कार को उठाकर पुलिस लाइन ले गई।जिलाध्यक्ष इस कार्रवाई से नाराज़ होकर कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठ गए। धरने पर उनके साथ आप के जिलाध्यक्ष अंकुर चौधरी भी मौजूद रहे। घटना बुधवार सुबह करीब 11:30 बजे की है। विपिन चौधरी कचहरी के काम से आए थे और उन्होंने अपनी होंडा सिटी कार सिटी मजिस्ट्रेट के आवास के बाहर खड़ी कर दी।
नो पार्किंग जोन में खड़ी थी कार
ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक कार नो पार्किंग जोन में खड़ी थी, इसलिए उसे पुलिस लाइन ले जाया गया। सपा जिलाध्यक्ष का आरोप है कि उनकी गाड़ी नो पार्किंग जोन में नहीं थी। दोनों नेताओं ने अधिकारियों पर विपक्ष का शोषण करने का आरोप लगाया।धरने के दौरान कार्यकर्ताओं ने एसपी ट्रैफिक के खिलाफ नारेबाजी भी की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस व्यवस्था संभालने की बजाय सिर्फ वसूली में लगी रहती है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
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