सलाखों के पीछे हत्या की साजिश

पीएल शर्मा रोड-सोतीगंज तो नहीं
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जेल की सलाखों के पीछे हत्या की साजिश,
-जेल में किए हत्या के वादे से मुकरने के चलते अंजाम दी गई हत्या की वारदात-
-हत्यारे रिंकू व मारने वाले डा. इमरान की जेल में बंद रहने के दौरान हुई थी दोस्ती-
मेरठ/जानी के पांचली में डा. इमरान की हत्या व दो अन्य पर जानलेवा हमले की साजिश जेल की सलाखों के पीछे तैयार कर ली गयी थी। जानकारों की मानें तो जेल में बंद रिंकू पुत्र रामे ने जेल में मिलाई को पहुंचे डा. इमरान व अन्य के साथ किसी की हत्या का प्लान तैयार किया था। इस प्लान में साथ रहने की हामी भर ली थी, लेकिन बाद में वो मुकर गए। बताया गया है कि इसी के चलते हत्या की वारदात अंजाम दी गयी। गांव वालों की मानें तो हत्यारा रिंकू व मारने वाला इमरान तथा गोली लगाने से घायल दोनों शख्स करीबी दोस्त थे।
आठ साल पहले पिता पुत्र की हत्या
गांव वालों ने बताया कि करीब आठ साल पहले गांव में दलित राजे व उसके पुत्र की सरेआम हत्या कर दी गयी थी। हत्या की उस वारदात में रिंकू को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया था। अदालत से उसको सजा सुनाई। करीब बीस दिन पहले ही रिंकू जमानत पर जेल से बाहर आया था। लेकिन बताया जाता है कि जेल की सलाखों के पीछे रहते हुए ही उसने हत्या की साजिश कर ली थी। जानकारों की मानें तो जेल से बाहर आने के बाद रिंकू गांव के कुछ लोगों को हत्या की धमकी दे रहा था।
पुलिस मिले थी हत्यारे से
जिन्हें हत्या की धमकी दी जा रही थी वो लगातार पुलिस से जान बचाने की गुहार लगा रहे थे, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। इसका अंजाम ये हुआ कि दो दिन पूर्व गांव की बड़ी मस्जिद के पास आरोपी ने अपने ही परिवार के एक व्यक्ति पर हत्या के इरादे से फायर झोंक दिया। उस शख्स से भाग कर घर में घुसकर अपनी जान बचाई और घटना की शिकायत लिखित में पुलिस से की। आरोप है कि इस घटना के बाद बजाए कार्रवाई करने के पुलिस ने गोली चलाने वाले से ही हाथ मिला लिया। जानी पुलिस पर इतनी बड़ी व गंभीर घटना को खुर्दबुर्द करने का आरोप लगाए जा रहे हैं
टाला जा सकता था हत्या कांड़
गांव वालों का कहना है कि दो दिन पहले फायरिंग की वारदात में पुलिस ने यदि कार्रवाई की होती तो इमरान की हत्या व सलमान और जावेद पर जानलेवा हमले की वारदात को टाला जा सकता था। हॉस्पिटल में भर्ती सलमान व जावेद जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। गांव वाले इस वारदात के लिए दो दिन पहले रिंकू द्वारा एक शख्स को पर झोंके गए फायर मामले में जानी पुलिस के द्वारा कार्रवाई ना किए जाने के ही असली वजह बता रहे हैं। उस मामले में यदि जानी पुलिस ने कार्रवाई की होती तो शनिवार देर रात की गयी वारदता को टाला जा सकता था, लेकिन ऐसा हो ना सका।
जेल में हुई थी दोस्ती
पांचली के सलमान पुत्र लियाकत व उसकी बुआ का पांचली निवासी लड़का जावेद जो एक चोरी व हत्या के मामले में जेल में बंद था। यहीं पर उनकी पिता पुत्र की हत्या के मामले में बंद रिंकू से दोस्ती हो गई थ्ीा। यह भी सुनने में आया है कि जेल की सलाखों के पीछे ही रिंकू ने उसने वादा लिया था कि जेल से छूटने के बाद गांव में कई लोगों को ऊपर भेजना है उसमें साथ देना। दोनों पक्ष में वायदे कसमें हुई। दोनों पक्ष जेल से गांव पहुंचे। शनिवार की रात को रिंकू, सलमान,जावेद व एक अन्य रेलवे लाइन के पास शराब आदि पीने पहुंचे और एक बड़े हत्याकांड को अंजाम देने में साथ देने को कहा। सूत्रों से पता चला कि सलमान व जावेद ने साफ मना कर दिया। उसी को लेकर उनके बीच कहासुनी हो गई और रिंकू व उसके साथी ने पिस्टल से निकालकर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। जिसके चलते डॉ इमरान की मौके पर मौत हो गई और सलमान व जावेद अस्पताल में जीवन मृत्यु से जूझ रहे हैं।

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