नेत्रहीन फौजी की योगी से गुहार, शामली। निकटवर्ती गांव लिसाढ निवासी आर्मी से रिटायर्ड नेत्रहीन फौजी ने प्रशासनिक अधिकारियों पर 6 बीघा कृषि भूमि का पटटा वापस लिए जाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजा है। फौजी के दो पुत्रों की कोरोना संक्रमण में मौत हो चुकी है, और उक्त भूमि के अलावा आजीविका का कोई साधन नही है। शोभित वालिया की रिपोट: शहर के मेरठ-करनाल रोड स्थित गांव लिसाढ निवासी आर्मी से रिटायर्ड नेत्रहीन चाहेराम पुत्र स्व शंकर ने मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि 26 मई 1994 को सरकार द्वारा 6 बीघा कृषि भूमि का पटटा आजीविका के लिए दिया गया था, जिससे उसके परिवार को जीवन यापन चल रहा था। कुछ समय पूर्व शामली के जिला प्रशासन के निर्देश पर चकबंदी अधिकारियों द्वारा कृषि भूमि का पटटा वापस ले लिया गया है, जिससे उसके सामने आजीविका की समस्या खडी हो गई है। बताया कि रिटायर्ड फौजी के तीन पुत्र थे, जिनमें से दो की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो चुकी है, जबकि एक पुत्र पटटे के भूमि की देखभाल करते हुए आजीविका को चलाकर सहायता कर रहा था। रिटाडर्य फौजी का कहना है कि 1962 व 1965 की लडाई फौजी में रहते की जिसके चलते उसके आंखों की रोशनी भी चली गई थी। मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में रिटायर्ड फौजी ने 6 बीघा का पटटा दोबारा वापस दिलवाये जाने की मांग की है।
शामली। निकटवर्ती गांव कसेरवाखुर्द निवासी ग्रामीण ने राशन डीलर पर सही प्रकार से राशन न दिए जाने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को शिकायत की है। वही एक महिला द्वारा भी राशन डीलर पर राशन देने में आना कानी किए जाने का आरोप लगाया है।
निकटवर्ती गांव कसेरवाखुर्द निवासी हनीफ ने जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में अवगत कराया है कि अनत्योदय कार्ड धारक होने के चलते राशन डीलर मुनेश द्वारा सही प्रकार से राशन नही दिया जा रहा है। । वही गांव ही बूंदी का भी आरोप है कि राशन डीलर द्वारा राशन देने में आनाकानी की जाती है और राशन भी कम दिया जाता है, जिससे उसके सामने खाने के लाले पडे हुए है। जिलाधिकारी ने दोनों मामलों में जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय को जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये है।