अवैध कब्जे पर एनजीटी के नोटिस,
सलावा रजवाहा, ग्रीन बेल्ट व सर्विस रोड पर कब्जे
मुख्य सचिव, डीएम, मेडा वीसी, चीफ इंजी. नगरायुक्त, एसएसपी, पॉल्यूशन बोर्ड को नोटिस
एनजीटी की बड़ी कार्रवाई से तमाम बडे अफसरों में मचा हड़कंप, आनन-फानन में दौड़ने लगी गाड़ियां
मेरठ/एनएच-58 स्थित सिंचाई विभाग के सलावा रजवाहा, ग्रीन बैल्ट व एनएचएआई की सर्विस रोड पर कब्जा कराने वाले अफसरों पर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून) का चाबुक चला है। करोड़ों रुपए कीमत की बेशकीमती सरकारी जमीनों पर कब्जे के इस मामले को लेकर जनवाणी ने कई बार प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए हैं। जनवाणी में प्रकाशित समाचारों का संज्ञान लेते हुए इन कब्जों की शिकायत एनजीटी को की गयी। सामाजिक कार्यकर्ता दुष्यंत रोहटा ने जनवाणी की खबर के साथ अवैध कब्जा कराने वाले अफसरों की कारगुजारी के साक्ष्यों के साथ भेजी गई शिकायत का संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने 29 जनवरी 2025 को एक आदेश पास किया। साथ ही प्रदेश के मुख्य सचिव, डीएम मेरठ, सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर, मेडा वीसी, एसएसपी मेरठ, क्षेत्राधिकारी पॉल्यूशन बोर्ड तथा जिन पर सिंचाई विभाग की जमीन, ग्रीन बैल्ट व एनजीटी की सर्विस रोड पर कब्जे के आरोप हैं, उन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांग लिया है। 29 जनवरी को किए गए एनजीटी के आदेश उसकी साइट पर मंगलवार को अपलोड हुए और आज ही सभी अधिकारियों की मेल पर एनजीटी के नोटिस पहुंच भी गए। हालांकि अधिकारी इस संवाददाता से अनभिता जाहिर करते रहे, लेकिन उनकी घबराहट बता रही थी कि एनजीटी के नोटिस की उन्हें जानकारी है।
यह है पूरा मामला
एनएच-58 सिंचाई विभाग का राजवाहा है। इसका वजूद ब्रिटिश हुकूमत के वक्त से सिंचाई विभाग की फाइलों में मौजूद है। यह बात सिंचाई विभाग के अफसर भी स्वीकार करते हैं। मुरलीपुर गुलाव व शोभापुर में करीब बीस बीघा में काटी गयी कालोनी में आने जाने के लिए सलावा चक राजवाहे पर कब्जा कर वहां पक्का व मजबूत लैंटर डाल कर कालोनी में मकान व फ्लैट खरीदने वालों के लिए आने जाने के लिए वहां साठ फुट चौड़ा पुल बना डाला। यहां ऐसे दो पुल बनाए गए हैं। एक साठ फुट चौड़ा व दूसरा चालिस फुट चौड़ा।
कालोनी पहले मानचित्र बाद में
जिस कालोनी की यहां बात की जा रही है, उसका काम साल 2022 में शुरू हुआ था और आने जाने सिंचाई विभाग के रजवाहे पर कब्जा करने कर पुल अगस्त 2024 में बनाया गया था। जिसकी खबर जनवाणी ने प्रकाशित की थी। उसी खबर के आधार पर एनजीटी में शिकायत करने वाले दुष्यंत रोहटा ने जानकारी दी जिस कालोनी का काम साल 2022 में शुरू करा दिया गया था मेरठ विकास प्राधिकरण से उन दोनों कालोनियों का मानचित्र तीन माह पहले ही स्वीकृत किया गया है। यानि कालोनी पहले और मानचित्र बाद में। यही पर आने जाने के लिए एनएचएआई की जमीन पर कब्जा कर वहां सड़क बना ली गयी है। एनजीटी में शिकायत दर्ज कराने वाले रोहटा ने एनएचएआई के पीडी राजकुमार नरवाल से बात करने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले तो एनएचएआई पीडी ने अनभिता जाहिर की और बाद में कहा कि यह मामला उनके चार्ज से पूर्व का है, कब्जा हुआ है तो नोटिस भी जारी किए गए होंगे। वह स्वयं मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगे। एनएचएआई की जमीन से कब्जा हटवाया जाएगा।
रजवाहे पर बड़ा कब्जा वन फेरर का
सिंचाई विभाग के जिस रजवाहे पर कब्जे को लेकर इतना बड़ा तूफान खड़ा हो गया है उस रजवाहे पर कालोनी के लिए बनाए गए दो पुलों से भी बड़ा कब्जा हाइवे के खड़ौली स्थित मौत का मुजसमा अवैध होटल वन फेरर बनाने वालों ने किया है। वन फेरर होटल में आने जाने वाली गाड़ियों के लिए रास्ता बनाने के लिए रजवाहे पर पक्के लैंटर डाले गए हैं। जिस जगह सिंचाई विभाग का रजवाहा कब्जा किया गया है उससे सटा हुआ ही सारा इलाका एनजीटी ने ग्रीन बैल्ट की श्रेणी में रखा है। ग्रीन बैल्ट ही अवैध होटल लिए कब्जा ली गयी। सूत्रों ने जानकारी दी कि बहुत जल्द एनजीटी का एक ओर आदेश आ सकता है जिसमें वन फेरर होटल के लिए सिंचाई विभाग के रजवाहे पर किए गए कब्जे तथ ग्रीन बैल्ट कब्जाने के मामले में कार्रवाई में लापरवाही बरतने वाले अफसर नप सकते हैं।
यह कहना है सामाजिक कार्यकर्ता दुष्यंत रोहटा का
इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता दुष्यंत रोहटा का कहना है कि सिंचाई विभाग सलावा रजवाहे पर कब्जे को लेकर वह साल भर से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। विभाग के अफसर बजाए कार्रवाई के लीपापोती कर रहे थे। उसके बाद मामले से एनजीटी को अवगत कराया गया। मामले को लेकर साक्ष्य सौंपे गए। उसके बाद एनजीटी के विगत 29 जनवरी को आदेश कर दिए। एनजीटी के आदेश साइट पर मंगलवार को अपलोड हुए हैं। दुष्यंत रोहटा ने बताया कि इस मामले में वह कोर्ट में भी रिटी की तैयारी में हैं।