निगम में जन्मतिथि हेरफेर का खेल, नगर निगम मेरठ में कर्मचारियों की जन्म तिथि में हेरफेर का खेल कर अफसर ही सरकार को राजस्व का चूना लगाने में लगे हैं। हैरानी तो इस बात की है कि मुख्य लेखा परीक्षक की नगरायुक्त को आख्या के बाद भी मामले में कार्रवाई नजर नहीं आ रही।
पहले कैलाश पुत्र बलावा अब दीपक पुत्र सूरज
निगम के स्वास्थ्य विभाग में कैलाश पुत्र बलवा के बाद अब दीपक पुत्र सूरज की जन्म तिथि में हेरफेर से नगरायुक्त को अवगत कराया है। चयन समिति द्वारा 3-2-1992 को विनियमित किए गए स्वच्छता मित्रों की सूची के मुताबिक दीपक पुत्र सूरज की जन्म तिथि 1-1-64 थी। मुख्य लेखा परीक्षक का दावा है कि सेवापुस्तिका में भी जन्म तिथि 1-1-1964 अंकित की गयी होगी। लेकिन स्वास्थ्य अधिष्ठान में कर्मचारी से सांठगांठ कर नई सेवा पुस्तिका वेतन स्लिप में जन्मतिथि 1-1-1972 कर दी गई। दीपक पुत्र सूरज की वास्तविक सेवा जन्मतिथि 1-1-1964 विनियमितिकरण सूची में उपलब्ध है। लेकिन जन्मतिथि 1-1-1972 कर दिए जाने से अब सेवानिवृत्ति को 31-12-2023 से बढ़ाकर 31-12-2031 कर दिया गया है। निगम एनएसए ने यह पत्रावली तलब की है लेकिन देखना है कि कार्रवाई कब होती है। इससे पूर्व ऐसे ही एक मामले कैलाश पत्र बलवा की जन्म तिथि 25-3-1960 थी। इन सभी की सेवा पुस्तिकाएं उसी दौरान तैयार की गयी व संभवत उस मूल सेवापुस्तिका में जन्मतिथि 25-3-1960 ही अंकित की गयी होगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विगत वर्षों में इन विनयमित कर्मचारियों की सेवापुस्तिकाएं परिवर्तित की गयी तथा इसी के साथ अधिष्ठान लिपिकों के द्वारा कर्चारियों के साथ सांठगांठ कर उनकी जन्मतिथि को भी बदल दिया गया। नियमानुसार नयी सेवापुस्तिका बनायी जाती है तो भी पुरानी सेवापुस्तिका व्यक्तिगत पत्रावली में उपलब्ध रहनी चाहिए। ऐसा न करके स्वास्थ्य विभाग का अधिष्ठान विभाग संदेह के घेरे में है। कैलाश पुत्र बलवा की जन्मतिथि को नई सेवापुस्तिका व वेतन स्लिप में 16-7-1964 कर गया है, जिसके परिणाम स्वरूप कैलाश पुत्र बलवा को 31-3-2020 में सेवानिवृत्त कर देना चाहिए था। रिपोट में कैलाश के अवैध रूप से 2022 में भी कार्य करने की बात करते हुए कहा गया है कि इनकी सेवानिवृत्ति को 31-23-2020 से बदलकर 31-7-2024 कर दिया गया है तथा नगर निगम को अनापेक्षित आर्थिक आनी पहुंचायी गयी है।