निपटा दिया STF ने अनिल दुजाना, सीएम योगी के आने से एक दिन पहले कुख्यात अनिल दुजाना को गुरूवार को एसटीएफ ने निपटा दिया। उस पर हत्या, रंगदारी, फिरौती जैसे संगीन अपराधों के पचास से ज्यादा मुकदमे थे। एसटीएफ के हाथों अनिल दुजाना का मारा जाना उन लोगों के लिए राहत भरी एक राहत भरी खबर है जो उससे पीड़ित थे। इस शातिर व कुख्यात अपराधी के मेरठ में भोला झाल पर सक्रिय होने की पुख्ता जानकारी होने के बाद एसटीएफ ने उसे चारों ओर से घेर लिया। बताया गया कि पुलिस पर फायरिंग करते हुए वह फरार होने की कोशिश कर रहा था। इसी बीच पुलिस की गोली लगने से उसकी मौत हो गई।्र अनिल दुजाना पर यूपी समेत अन्य राज्यों में लगभग 50 हत्या, रंगदारी, फिरौती आदि के केस दर्ज हैं। बादलपुर का दुजाना गांव कभी कुख्यात सुंदर नागर उर्फ सुंदर डाकू के नाम से जाना जाता था। सत्तर और अस्सी के दशक में सुंदर का दिल्ली-एनसीआर में खौफ था। बताया जाता है कइ कुख्यात ने एक बार तो दुस्साहस का परिचय देते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक को जान से मारने की धमकी दे दी थी। इसी दुजाना गांव का है अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना। पुलिस रिकॉर्ड में 2002 में गाजियाबाद के कवि नगर थाने में इसके खिलाफ हरबीर पहलवान की हत्या का पहला मुकदमा दर्ज हुआ। मुजफ्फरनगर के रोहाना में भी एक हत्या के मामले में वह शामिल रहा था। अनिल दुजाना वेस्ट यूपी में खौफ का पर्याय बना हुआ था। उस पर लूट डकैती हत्या समेत तकरीबन मुकदमे दर्ज थे। मेरठ में एसटीएफ के एसपी बृजेश सिंह के नेतृत्व में टीम ने उसे गंगनहर पर लोकेशन मिलने के बाद घेर लिया, अनिल दुजाना ने एसटीएफ की टीम पर फायरिंग की, जवाबी फायरिंग में वह मारा गया। इस कुख्यात के जेल से बाहर आने की सूचना मिलने के बाद कई दिन से मेरठ एसटीएफ और वेस्ट यूपी की पुलिस उस की तलाश में जुटी हुई थी। यह काफी समय से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद था, लेकिन कुछ समय पहले वह जमानत पर बाहर आ गया। बताया जाता है कि इसकी जानकारी मॉनिटरिंग सेल के द्वारा पुलिस को भेजी गई थी, लेकिन स्थानीय पुलिस ने इसमें संज्ञान नहीं लिया। जेल से बाहर आते ही अनिल दुजाना ने जयचंद प्रधान मर्डर केस में उसकी पत्नी और गवाह संगीता को धमकी दी। जिसके बाद उच्च अधिकारियों ने एक्शन लेते हुए अनिल दुजाना के खिलाफ पिछले सप्ताह में 2 मुकदमे दर्ज किए। गुरुवार दोपहर को मेरठ एसटीएफ की टीम को अनिल दुजाना के गंग नहर पर होने की सूचना मिली, जिसके बाद टीम ने घेराबंदी करने के बाद अनिल दुजाना को भोला की झाल पर मुठभेड़ में मार गिराया।