निशात को क्लीनचिट-एई-जेई का जवाब तलब, आबूलेन स्थित निशात सिनेमा को क्लीनचिट दिए जाने को लेकर मेरठ कैंट बोर्ड के सीईओ ने एई व जेई का जवाब तलब किया हैं। सुनने में आया है निशात सिनेमा बिक गया है, किसने खरीदा यह स्पष्ट नहीं, इसके बिकने की चर्चा आम है। सिनेमा हाल को ताेड़कर कांप्लेक्स बनाए जाने की तैयारी है। इसकी पटकथा लिखी जा चुकी है। जानकारों की मानें तो पटकथा में बड़ी मदद कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन से मिली है। दरअसल निशांत सिनेमा की संपत्ति जीएलआर में किन्हीं भार्गव भाइयों के नाम से 189 रविन्द्रपुरी के तौर पर दर्ज है। इसमें प्रस्तावित कांप्लैक्स की राह के कांटे साफ करने के लिए कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन की रिपोर्ट में यहां अवैध निर्माण, चेज आफ परपज और सब डिविजन ऑफ साइट को लेकर क्लीनचिट दे दी गई है, जबकि याद रहे कि उक्त तमाम बातों को लेकर कैंट बोर्ड मेरठ का संबंधित पक्ष से हाईकोर्ट में अरसे से वाद लंबित है। कैंट एक्ट में सबसे संगीन माने जाने वाले पीपीई एक्ट के तहत भी वाद लंबित है। इन सबके बावजूद इंजीनियरिंग सेक्शन की क्लीनचिट का दिया जाना वाकई किसी खेल से कम नहीं, लेकिन बताया जाता है कि सीईओ कैंट की नजर से इंजीनियरिंग सेक्शन के एई पीयूष गौतम, जेई अवधेश यादव व पूर्व में बर्खास्त ड्राफ्टमेन राहुल का यह खेल छिपा नहीं रह सका। सीईओ की पैनी नजरों ने फाइल में की गई तमाम खामियों को केवल पकड़ा ही नहीं बल्कि तत्काल जवाब तलब भी कर लिया।ऑफ दा रिकार्ड कैंट बोर्ड के स्टाफ की यदि मानें तो एई व जेई को सप्ताह भर में सीईओ कैंट का यह दूसरी जवाब तलबी है। इससे पूर्व कमांडर के यहां की गई शिकायतों के निस्तारण व उनका उत्तर न दिए जाने को लेकर भी जवाब तलब किया जा चुका है। साथ ही गंभीर चेतावनी दी गयी है कि यदि रवैया नहीं सुधरा तो कारगुजारियों की रिपाेर्ट मंत्रालय के उच्चाधिकारियों को दे दी जाएगी। स्टाफ का ही कहना है कि सीईओ सर द्वारा केवल जवाब तलब से काम नहीं चलेगा, गलती करने वालों को मेजर पेलन्टी की चार्जशीट देनी होगी। सीईओ की इस सख्ती से बोर्ड में हड़कंप मचा हुआ है। इस संबंध में जब बोर्ड के प्रवक्ता से संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं हो सकी।