ना जमीन ना क्लास ये कैसा डिग्री कालेज,
जांच कमेटी की ना के बाद भी कांउसलिंग पर अड़ा है सीसीएसयू प्रशासन
पंड़ित सुजान सिंह डिग्री कालेज की जांच करने वाले कमेटी ने दूसरी जांच में भी सौंपा शिकायतों का पुलिंदा
मेरठ/ घपले घोटालों तथा सरकार से कई करोड़ रुपए डकार चुके पंड़ित सुजान सिंह डिग्री कालेज आर्य नगर सूरजकुंड मेरठ की जांच के लिए बनायी गयी तीन सदस्यी कमेटी की ना के बाद भी सीसीएसयू के कुछ उच्चपदस्थ काउंसलिंग की अनुमति पर उतारू हैं। इसके लिए उन्होंने जांच ऐजेंसी से पर दोबारा जांच का दबाव डाला ताकि काउंसलिंग की अनुमति वाले कालेजों की सूची में पंड़ित सुजान सिंह डिग्री कालेज का नाम शुमार किया सके, लेकिन उनके मंसूबे धरे के धरे रह गए। इस जांच कमेटी में डा. भावराव खांडेकर, प्रो. शिवराज सिंह पुंडीर व मीनाक्षी शर्मा को शामिल किया गया। दरअसल इसकी शिकायत मानव संसाधन विकास मंत्रालय व सीसीएसयू में की गयी थी। आरोप है कि पंड़ित सुजान सिंह डिग्री कालेज कहने को यह कागजों में एक डिग्री कालेज है लेकिन रिपोर्ट में मौके पर मुआयन करने गई टीम ने पाया कि महज 356 वर्ग मीटर में आर्य नगर सूरजकुंड मेरठ में एक मकान में यह डिग्री कालेज संचालन के नाम पर रस्म अदायगी की जा रही है। इसमें दो परिवार भी रह रहे हैं। नियमानुसार किसी भी डिग्री कालेज के लिए कम से काम 550 मीटर जमीन होनी चाहिए। लेकिन जांच ऐजेंसी को ऐसा कुछ नहीं मिला। सूत्रों ने जानकारी दी है कि इसी के चलते जांच ऐजेंसी ने स्ट्रॉगली इस तथाकथित डिग्री कालेज को उन कालेजों की सूची में शामिल करने की सिफारिश की है जिनकी काउंसलिंग पर रोक लगायी जानी है। वहीं दूसरी ओर पीएमओ को भेजी गयी शिकायत में यह भी अवगत कराया गया है कि पंड़ित सुजान सिंह डिग्री कालेज के नाम पर अब तक कई करोड़ रुपए जो सरकार से छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में सहयोग के नाम पर मिलते हैं वो भी डकार लिए गए हैं। इन तमाम गंभीर आरोपों के चलते ही इस डिग्री कालेज पर ताला लगाए जाने की मांग शिकायत कर्ताओं ने की है।
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