मेरठ। निजीकरण के योगी सरकार के फैसले का विरोध कर रहे तमाम बिजली संगठनाें ने कह दिया है कि किसी भी कीमत पर निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा। बिजली की अरबों कीमत की संपत्तियों को उपहार में देने की अफसरों की साजिश कामयाब नहीं होने दी जाएगी। जिस घाटे की बात अफसर कर रहे हैं वो घाटा है ही नहीं, केवल साजिशें की जा रही है ताकि निजीकरण किया जा सके। सोमवार को निजीकरण के विराेध में मेरठ में महापंचायत हुई। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने प्रदेश व्यापी आंदोलन चलाया हुआ है। सोमवार को नेशनल काआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिकसिटी इम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद इंजीनियर्स संगठन उत्तर प्रदेश के नेताओं ने दो टूक कह दिया है कि किसी भी कीमत पर निजीकरण नहीं करने दिया जाएगा। निजीकरण के नाम पर जो साजिशें की जा रही हैं। उनका पर्दाफाश किया जाएगा। दो टूक किसी भी कीमत पर निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा। मेरठ के अलावा एटा जिला में भी बड़ी महापंचायत हुई यह जानकारी कर्मचारी नेता अभिमन्यू ने दी। मेरठ के कर्मचारी नेता भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि यदि निजीकरण के खिलाफ आवाज नहीं उठायी तो इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी।
कर्मचारी नेताओं ने उडाया निजीकरण का फ्यूज

महापंचायत को कर्मचारी नेताओं ने अपने भाषण से निजीकरण का फ्यूज उड़ाकर रख दिया। महापंचायत को अजीत उपाध्याय, राजेश कुमार झा, वीरेश यादव, ज्ञान प्रकाश गुप्ता, प्रेमपाल, मिथलेश रानी, पुष्पा रानी, यशवीर सिंह, मुकेश गुप्ता, अनिल यादव, चंद्रबोस, लक्ष्मण सिंह, पवन दुबे, मुनेश चंद, प्रमोद कुमार, विनाेद कुमार, कमल सिंह, मिथलेश , संतोष, अश्वनी उपाध्याय व मेरठ के वरिष्ठ कर्मचारी नेता भूपेन्द्र सिंह ने भी संबोधित किया।