लूट करने वाले स्कूलों व नर्सिंग की नहीं खैर,
शिक्षा को धंधा बनाने वालों के खिलाफ सपा विधायक अतुल प्रधान ने मोर्चा खोल दिया है। केवल शिक्षा ही नहीं बल्कि इलाज के नाम पर लूट करने वाले चिकित्सकों की भी अब खैर नहीं। ऐसे स्कूल संचालक व चिकित्सक सपा विधायक के रडार पर हैं। उनके खिलाफ व आम जन को राहत के लिए सपा विधायक सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़ने जा रहे हैं। सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि शासन की कमेटी मेरठ के निजी अस्पतालों और स्कूलों की जांच करेगी। इस संबंध में उन्होंने 2023 में सदन में याचिका लगाई थी, जिस पर सभापति ने शासन को 15 दिन के भीतर कमेटी बनाने के आदेश कर दिए हैं। इस कमेटी में वह भी सदस्य होंगे। सपा विधायक ने कहा कि महंगे इलाज और महंगी शिक्षा के खिलाफ यह जन आंदोलन है। वह लगातार इसके खिलाफ आवाज बुलंद किए हुए हैं। पिछले साल आमरण अनशन भी किया था। अब गांव और कस्बों में जाकर लोगों को इस आंदोलन में जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल बदहाल हैं और निजी अस्पतालों में इलाज महंगा है। ऐसे में मरीज जाएं तो जाएं कहां। उनकी लड़ाई आईएमए या चिकित्सकों से नहीं है, लेकिन वे सस्ता इलाज कर लोगों की मदद कर सकते हैं। आईएमए निशुल्क ओपीडी करता है। यह निशुल्क ओपीडी आईएमए हॉल के बजाय अपने-अपने क्लीनिक पर सप्ताह में या माह में एक बार कर सकते हैं। वहीं, सरकारी शिक्षण संस्थानों का भी बुरा हाल है। निजी शिक्षण संस्थान में पढ़ाई कराना काफी महंगा है। गैर जरूरी मदों में भी फीस लेकर लोगों पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। आप जिलाध्यक्ष और अतुल में हुई बात आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने बिना नाम लिए सपा विधायक अतुल प्रधान पर आरोप लगाया था कि विधायक धरने प्रदर्शन के नाम पर उगाही करते हैं। इस पर अतुल प्रधान का कहना है कि अंकुश छोटे भाई हैं, उन्हें कुछ गलतफहमी हो गई थी। आज गलतफहमी दूर कर ली गई है। अंकुश चौधरी का कहना है कि आंदोलन के विषय पर अतुल प्रधान से चर्चा हुई। अतुल का आंदोलन 10 अक्तूबर से और आप का 26 सितंबर से है।