अफसरों ने ही बेच डाला लाखों का स्क्रैप

अफसरों ने ही बेच डाला लाखों का स्क्रैप
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अफसरों ने ही बेच डाला लाखों का स्क्रैप,

मेरठ मंडल के नोएडा में उत्तर प्रदेश सेतु निगम के एई सरीखे अफसर ही महकमे को चूना लगा रहे हैं। इन्होंने करोड़ों रुपए कीमत का बताया जा रहा स्क्रेप बेच डाला है। स्क्रेप की फाइलों में भी भारी हेराफेरी की है। इस प्रकार के आरोप सिखेडा प्लांट हापुड में रखे स्क्रेप को लेकर लगाए गए हैं। साथ ही इस मामले की एक गोपनीय शिकायत सीएम योगी को भेजकर आरोपी एई की जांच कराकर उन्हें जेल भेजने की मांग की है। आरोप है कि मौके पर करीब 250 टन स्क्रेप था लेकिन लिखा पढ़ी में महज पचास टन स्क्रेप दिखाया गया है। पता चला है कि जो गोपनीय  शिकायत सीएम कार्यालय भेजी गयी है उसमें आरोप है कि एई व महकमे के उच्चाधिकारियों ने एक प्राइवेट ठेकेदार की मार्फत स्क्रैप घोटाला अंजाम दिया है। सीएम को भेजी शिकायत में किसी न्यू इंडिया एसोसिएट नाम की फर्म का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि इस फर्म की मार्फत यह स्क्रैप घोटाला किया गया है। एई पर यह भी आरोप है कि वह बीते दस सालों से सेतु निगम ग्रेटर नोएडा में ठेकेदार भी कर रहे हैं।नियमानुसार ऐसा करना सेवा नियमावली के विरूद्ध है, लेकिन लगता है कि उन्हें सेवानियमावली की कोई परवाह नहीं रह गयी है। सीएम को अवगत कराया गया है कि इकायों में हैडरा, जेनरेटर, ट्रैक्टर और प्राइवेट टैक्सी अधिकारियों की मिली भगत से सप्लाई की जा रही है। यह भी आरोप है कि जो गाड़ियां लगायी गयी है वो खड़े खडे़ तेल पी रही हैं। बगैर जाए ही केवल गाड़ी की लाॅग बुक में कागजी दौरे अफसरों के दिखा जा रहे हैं। जो तेल घोटाला किया जा रहा है उसमें अधिकारियों का भी हिस्सा है। यह भी खुलासा किया गया है  जुनपत ग्राम के पास स्थायी प्लांट पर से स्क्रेप बेचा जा रहा है। खुलासा किया गया है कि केवल पांच टन स्क्रैप बेचने की अनुमति प्रियांशी एन्टरप्राइजेज को दी गयी थी, लेकिन आरोप है कि बीस टन स्क्रैप न्यू इंडिया एसोसिएट को बढ़े हुए दामों पर बेचा जा रहा है। जांच की मांग करते हुए सीएम को अवगत कराया गया है कि प्लांट पर बने हुए कमरों में तमाम स्क्रैप भरा हुआ है, उसको भी बेचने की तैयारी है। यदि सीएम कार्यालय कमिश्नर की देखरेख में वहां छापा लगवा दें तो बड़ा स्कैम पकड़ा जा सकता है। इसमें कई जेल जा सकते हैं और सस्पेंड होना तो यह है।

नोट उक्त मामले के संबंध में न्यू इंडिया एसोसिएट व प्रियांशी एन्टरप्राइजेज के संचालकों से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया, एई से भी उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। यदि ये अपना पक्ष रखना चाहते हैं तो आफिस पर संपर्क कर सकते हैं। उनकी बात भी प्रमुखता से रखी जाएगी।

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