परम निरंकुश प्राइवेट स्कूल, भारत को विश्व गुरू बनाने का दावा और शिक्षा पर माफियाओं का कब्जा। उस पर भी प्राइवेट स्कूलों की परम निरंकुशता। कैसे बनेगा भारत विश्व गुरू बड़ा सवाल उठाया है सीमा त्यागी ( अध्य्क्ष ) गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने उन्होंने कहा है कि देश का सिस्टम शिक्षा के मुद्दे पर कितना बेबस और असहाय है इसका जीता जागता उदाहरण देश के निजी स्कूलों द्वारा की जा रही खुले आम लूट के रूप में देखी जा सकती है जिस पर राज्य और केंद्र सरकार का नियंत्रण लगभग समाप्त हो गया है देश की शिक्षा पर पूंजीपतियों , नेताओ और उधोगपतियो का साम्राज्य स्थापित होता जा रहा है जिसके कारण शिक्षा दिन प्रतिदिन महेंगी होती जा रही है और आम आदमी से दूरी और अधिक बढ़ती जा रही है निजी स्कूलों की मनमानी “परम् निरंकुश” सिर पर न कोई ‘ वाली कहावत चरितार्थ साबित हो रही है अभिभावक बच्चों के उज्ज्वल और बेहतर भविष्य के नाम पर निजी स्कूलों की मनमानी की त्रासदी झेलने को मजबूर है इसका सबसे बड़ा कारण देश के अधिकतर राज्यो में सरकारी स्कूलों की बदहाली है जिसके कारण अभिभावको के पास निजी स्कूलों की तरफ रुख करने के अलावा कोई विकल्प ही नही है हम सभी जानते है कि शिक्षा देश के सभी राज्यो का कल्याणकारी विषय है लेकिन पूरी तरह शिक्षा माफियाओं के कब्जे में है , किताब -कॉपी , प्रवेश शुल्क , यूनिफॉर्म और प्रत्येक वर्ष फीस वृद्धि के नाम पर मोटी कमाई की जा रही है निजी स्कूल संचालक एडमिसीन फॉर्म में अभिभावक के व्यवसाय और हैसियत को देखकर बच्चों के एडमिसीन को तय कर रहे है वही दूसरी तरफ शिक्षा के अधिकार से जुड़े आरटीई कानून को ठेंगा दिखा रहे है जिसके कारण गरीब बच्चे भी शिक्षा से वंचित हो रहे है शिक्षा अधिकारी और सरकार इस पर मूक दर्शक बनी हुई है अनाप शनाप मुद्दों पर कोहराम मचाने वाले सियासी दल और सरकार की पैरवी करने वाला एक बड़ा बुद्धिजीवी वर्ग शिक्षा के नाम पर हो रही लूट और शोषण के नाम पर मौन साधे हुये है ।