पटेल मंडप में खटकराम” का मंचन, संस्कार भारती एवं लहर नाटय मंच मेरठ की संयुक्त प्रस्तुति,अनुज शर्मा द्वारा निर्देशित हास्य एवं व्यंगात्मक नाटक “खटकराम” का मंचन नौचंदी मेले के पटेल मंडप में किया गया। मुख्य अतिथि नगेन्द्र तोमर, नरेन्द्र राष्ट्रवादी अंकुरगोयल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। नाटक शुरू होता है खटकराम के मंच पर प्रवेश से जो एकटक एक बोर्ड को देखता रहता है जिस पर लिखा है कि “मेरठ नगर निगम आपका स्वागत करता है” खटकराम इस इन्तेजार में है कि कोई अंदर से आएगा और उसका स्वागत करेगा। नाटक में दिखाया गया कि खटकराम गाँव मे सबसे पैसे उधार लेता रहता है, दूधवाला, मकान मालिक, दुकानदार सब उससे पैसे लेने के लिए उसके घर के चक्कर काटते रहते हैं और जब उसके पास जाते है तो खटकराम उन्हें अपनी बातों में फंसाकर उन्हें पैसे देने के बजाय उनसे और पैसे निकलवा लेता है। खटकराम अपनी सटीक बातों से लोगो से अपनी बात मनवा लेता है और उन्हें बुरा भी नही लगता। खटकराम की बेटी की शादी का होना है जिसमे लड़के का पिता खटकराम से मोटा दहेज देने और 700 बाराती लाने की बात कहता है। ये बात सुनकर खटकराम की पत्नी केतकी के होश उड़ जाते है और वो खटकराम को कोसती है कि उसने दहेज के लिए मना क्यो नही किया। खटकराम हमेशा यही कहता रहता कि चिंता की कोई बात नही, “मैं हूँ ना”। खटकराम अपना एक प्लान तैयार करता है और शादी के समय लड़के के फूफा को मोहरा बनाकर, लड़के के पिता को अपनी बातों से इतना मजबूर कर देता है कि सभी बाराती बिना खाना खाएं और दहेज लिए बिना ही शादी की रस्मों को पूरा करते है और कहते कि बेटी ही दहेज है। खटकराम की भूमिका में अनुज शर्मा, पत्नी केतकी बनी सीमा समर, दूधवाला विकास कुमार, मकान मालिक मनमोहन भल्ला, समधी क्षितिज तिवारी, फूफा वसीम, चेयरमैन बने आशीष तोमर, गया प्रसाद विभु शर्मा, दूल्हा बने संभव, दुल्हन बनी मीनाक्षी, बॉडीगार्ड बने हर्ष भिंडवाल, सूत्रधार बने शक्ति कुमार गर्ग, गांव वाले और बाराती बने मोहित शर्मा, स्पर्श शर्मा, आलोक मोहन। कार्यक्रम में अनिरुद्ध गोयल, कंवलजीत सिंह,राकेश शर्मा, डा. सुदेश यादव दिव्य, इंद्रजीत कथूरिया नरेन्द्रराष्ट्रवादी, अंकुर गोयल आदि मौजूद रहे।