पीडी पहुंचे-कैंट बोर्ड में हड़कंप, शिकायतों को अंबार और मध्य कमान के टॉप आफिशल्स का कैंट बोर्ड मेरठ का दौरा। मध्य कमान के डायरेक्टर डीएन यादव के बाद अब प्रिसिपल डायरेक्टर जीएस राजेश्वरन की आमद, कैंट बोर्ड में हड़कंप तो मचना ही था। हालांकि जीएस राजेश्वरन के आने की टाइमिंग को लेकर अगल-अलग जानकारी आ रही है। लेकिन यह कन्फर्म है कि आ गए हैं और उनके रडार पर अवैध निर्माण और अवैध कब्जे हैं। अवैध निर्माणों की यदि कर ली जाए तो सबसे ज्यादा हॉट सब्जेक्ट वो अवैध निर्माण हैं जिनको हाइकोर्ट की सील के बाद किया गया है। मसलन आबूलेन स्थित बंगला 173 पर निर्माण शुरू होने के बाद कोर्ट के आदेश पर कैंट बोर्ड ने सील लगायी थी। फाइलों में बंगला आज भी सील है, लेकिन यहां बने तीन शानदार शोरूम दावा कर रहे हैं कि यदि कैंट अफसरों से सेटिंग है तो सील सरीखी कार्रवाई बेमाने हैं। इसी तर्ज पर बाउंड्री रोड स्थित 22बी वहां भी कोर्ट के आदेश पर सील लगाई गयी थी, लेकिन यहां चल रहा बार-रेस्टोरेंट व होटल बता रहा है, कैंट अफसरों से सेटिंग रखो नो टेंशन। सेटिंग है तो फिर ट्रेड लाइसेंस भी बन जाएगा वो भी आन लाइन। सरकुलर रोड बंगला 276 व्हाइट हाउस जिस पर सीईओ ने इंजीनियरिंग सेक्शन के साथ छापा मारकर अवैध निर्माण पकड़ा, सील भी लगायी, लेकिन फिर भी व्हाई हाउस बन गया। सदर विजय चौक जौली स्टोर रिहायशी संपत्ति की खरीद-फरोख्त ही नहीं, बल्कि चेंज ऑफ परपज व सबडिविजन आफ साइट कर शानदार जौजी शापिंग सेंटर का शोरूम। ऐसे एक दो नहीं कई मामले हैं जिनको लेकर इंजीनियर सेक्शन व सेनेट्री सेक्शन कीे पेंच कसे जा सकते हैं या कसे गए हैं। लेकिन सबसे बड़ा मामला मछेरान में तत्कालीन सीईओ डीएन यादव के कार्यकाल में जो पार्क कैंट अफसरों की संयुक्त कार्रवाई में कब्जा मुक्त कराया गया था, वहां पर दोबार से अवैध रूप से कब्जा कर मीट मार्केट का बन जाना है। डीएन यादव के दौरे के परिणाम को पीडी का आना माना जा रहा है।