पश्चिम बंगाल की सीएम के खिलाफ प्रदर्शन को कमिश्नरी पर पहुंचे हिन्दू स्वाभिमान परिषद के कार्यकतार्ओं के आगे बेबस , पुलिस का इकबाल उछाला हवा में, प्रदर्शनकारियों ने कमिश्नरी चौराहे पर दारोगा की कैप उछाली, चुड़ी दिखाई
नजर आयी पुलिस
मेरठ / मेरठ पुलिस का इकबाल खतरे में नजर आ रहा है। जिले का वीआईपी सिविल लाइन इलाका और कमिश्नरी चौराहा वहां प्रदर्शनकारी यदि दारोगा की कैप हवा में उछाल दें, उसको चूड़िया दरोगा की बेबस कर दें तो फिर और वहां मौजूद तमाम पुलिस वाले लाचार बने रहें। मिन्नतें करते नजर आए, तो इसको और क्या कहें। वहीं दूसरी ओर इस दौरान प्रदर्शनकारियों के साथ बजाय सख्ती से पेश आने के पुलिसकर्मी लाचार बने रहे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन के नाम पर कमिश्नरी पर पहुंचे हिन्दू स्वाभिमान परिषद के कार्यकर्ताओं ने वो सब कुछ किया जिसे खाकी को लज्जित व शर्मसार करने के लिए पर्याप्त माना जा सकता है। प्रदर्शनकारियों के आगे पुलिस वाले बेबस नजर आए। पश्चिम बंगाल की घटनाओं को लेकर इन दिनों कुछ संगठनों में कमिश्नरी पर प्रदर्शन व पुतला दहन करने की होड़ सी मची हुई है। लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन का अधिकार सब को है, लेकिन विरोध प्रदर्शन के नाम पर जो कुछ रविवार को हुआ वह खाकी के इकबाल के लिए खतरे से कम नहीं।
रविवार दोपहर को हिंदू स्वाभिमान परिषद के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में कमिश्नरी पहुंचे थे। ये लोग सीएम ममता बनर्जी का पुतला लेकर पहुंचे थे। पुलिस का प्रयास था कि पुतला दहन ना किए जाए। विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन देकर शांति से लौट जाएं। पुलिस वाले जो कुछ सोचे बैठे थे, वैसा कुछ नहीं हुआ। उल्टे खाकी को शर्मसार होना पड़ गया। कमिश्नरी चौराहे की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों से पुलिसकर्मियों ने पुतला छीन लिया, लेकिन प्रदर्शनकारी दोबारा पुलिसकर्मियों से पुतला छीनकर भाग गए और दहन भी कर दिया। इस बीच वहां हंगामा शुरू हो गया। प्रदर्शनकारी पुलिस वालों पर भारी पड़ रहे थे। उन्होंने पुलिसकर्मियों को घेर लिया। सिविल लाइन थाने के एक दारोगा की टोपी हवा में उछाल दी। इतना ही नहीं एक महिला ने इस दारोगा और दूसरे पुलिसकर्मियों को चूड़ियां थमाने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारियों ने चौराहे पर कब्जा कर लिया। वहीं सड़क पर बैठक प्रदर्शन करने लगे। काफी देर हंगामे के बाद प्रदर्शनकारी स्वयं ही वहां से हटे। दरोगा की टोपी उछालने की घटना के बाद भी पुलिस की ओर से जो कार्रवाई की जानी चाहिए थी वो नहीं की गयी। यहां हंगामा व प्रदर्शन करने के बाद इनमें से कुछ प्रदर्शनकारी जिनमें संगठन के अध्यक्ष अमित भारद्वाज का भी नाम लिया जा रहा है वो पश्चिम बंगाल जाने के लिए सिटी स्टेशन जा पहुंचे। पता चला है कि रविवार की ट्रेन के लिए इन्होंने टिकट बुक करायी
सख्ती के बजाय मिन्नतें
प्रदर्शनकारियों ने जब सड़क कब्जा ली और कमिश्नरी से आने जाने का रास्ता लगभग बंद कर दिया तो बजाय सख्ती दिखाने के उन्हें हटाने के नाम पर पुलिस वाले मिन्नतें करते नजर आए। रवैया देखकर लगता था मानों हिदायत दी गयी है कि बल प्रयोग नहीं करना है। किसी को कुछ नहीं कहना है। वैसा ही नजर भी आ रहा था।
अमित भारद्वाज समेत अज्ञात भीड़ पर एफआईआर
इस मामले में सिविल लाइन पुलिस ने हिन्दू स्वाभिमान परिषद के अध्यक्ष अमित भारद्वाज समेत अज्ञात भीड़ पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। जो महिला फोटो व वीडियो में साफ नजर आ रही है उसके संबंध में कहा जा रहा है कि उसकी तथा अन्य की जो भी प्रदर्शन के दौरान दारोगा की कैप उछालने व चूड़ी दिखाने में शामिल थे उनकी पहचान नहीं हो सकी है।
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