पुलिस को केडी का गच्चा गया जेल, मेरठ/ हनी टैप मामले के मास्टर माइंड की तलाश में पुलिस दबिशें देती रही और केडी उर्फ अरुण शर्मा कोर्ट में सरेंडर कर जेल चला गया। जेल जाने का पूरा एपिसोड टॉप सीक्रेट रखा गया। हनी टैÑप मामले के सामने आने के बाद दो सिपाहियों के निलंबन के बाद मास्टर माइंड केडी की फरारी और फिर सरेंडर कर उसका जेल जाने की पटकथा बेहद शातिरा अंदाज में तैयार की गयी। दरअसल केडी के खिलाफ मुकदमा और उसकी फरारी का यह पूरा मामला मेडिकल थाना के जाग्रति विहार सोमदत्त सिटी की एक महिला ज्योति की कारगुजारी से जुड़ा है। आरोप है कि यह महिला केडी के गिरोह के लिए काम करती है। उसी का हिस्सा दोनों निलंबित किए गए सिपाही भी थे। आरोप है कि ज्योति ने सात अगस्त को मंसा देवी मंदिर के समीप घड़ी की दुकान करने वाले सुरेश गिरि की दुकान पर गई थी। उसने सुरेश से अपने पति को घड़ी का काम सिखाने की बात की। सुरेश जैसे ही महिला के घर पहुंचा तभी फलावदा थाने में तैनात सिपाही देवकरण और बागपत जेल में तैनात सिपाही नीरज कुमार वहां पहुंचे। वह सुरेश गिरि की महिला के साथ वीडियो बनाने लगे। एक आपत्तिजनक सामान भी पकड़ा दिया। आरोप है कि सिपाहियों व महिला ने सुरेश गिरि को हनि टैÑप में फंसा दिया। लेकिन बाद में मामला उल्टा पड़ गया और सिपाही धरे गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी ने दोनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया। इस मामले की पड़ताल के बाद केडी ऊर्फ अरुण शर्मा का नाम सामने आया है और यह भी कि केडी एक गिरोह का संचालन करता है। उस गिरोह में कई लड़कियां भी शामिल हैं। गिरोह की लड़कियां भोले भाले लोगों फंसाती हैं और फिर उन्हें दोनों सिपाहियों की मार्फत ब्लैकमेल किया जाता था। यह सारा काम गिरोह का सरगना केडी कराता था।