बिजली पंचायत से दिखाई पावर

बिजली पंचायत से दिखाई पावर
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बिजली पंचायत से दिखाई पावर,

निजीकरण के आदेश के खिलाफ प्रदेश व्यापी आंदोलन का एलान
निजीकरण को ना, पावर कर्मियों के लिए करो या मरो के हालात
मेरठ/लखनऊ की बिजली पंचायत ने पावर कारपोशन चलाने वाले सिस्टम को जोर का झटका दिया-बिजली पंचायत से दिखाई पावर है। वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों के सामने करो या मरो सरीखे हालात है। निजीकरण का विरोध कर रहे सूबे के बिजली कर्मियों के लिए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण बुरी खबर है। पीवीवीएनएल के बडेÞ कर्मचारी नेताओं का कहना है कि चुप नहीं रहा जा सकता। अब यदि चुप रहे तो कल पीवीवीएनएल की भी बारी आएगी। निजीकरण वापस कराने हेतु करो या मरो की भावना से निर्णायक संघर्ष किया जायेगा।
यह हुआ निर्णय
बिजली पंचायत ने ऐलान किया कि बिडिंग प्रक्रिया शुरू होते ही समस्त ऊर्जा निगमों को तमाम बिजली कर्मचारी और अभियन्ता उसी समय अनिश्चितकालीन आन्दोलन प्रारम्भ कर देगें जो बिजली का निजीकरण वापस होने तक जारी रहेगा। प्रदेश भर में बिजली पंचायत आयोजित की जायेंगी। सीएम योगी से अपील की है कि वे 42 जनपदों के बिजली के निजीकरण जैसे लोक महत्व के अत्यन्त गम्भीर सवाल पर प्रभावी हस्तक्षेप करें। ताकि अरबों-खरबों रुपए की परिसम्पत्तियों को चंद कारपोरेट घरानों के हाथ बेचने की प्रबन्धन की साजिश कामयाब न हो सके।
आउटपुट दी है फिर भी निजीकरण
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के नेताओं का कहना है कि दिन रात एक कर परिणाम दिया है। बिजली कर्मियों ने वर्ष 2016-17 में 41 प्रतिशत एटी एण्ड सी हानियों को कम करके वर्ष 2023-24 में 17 प्रतिशत तक कर दिया है। संघर्ष समिति ने विश्वास दिलाया कि जब 7 साल में 24 प्रतिशत लाइन हानियां कम की जा सकती हैं तो अगले 1 वर्ष में निश्चय ही लाइन हानियां 12 प्रतिशत तक ले आने में बिजली कर्मी पूर्णतया समर्थ हैं।
बिजली पंचायत में आॅल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे, आॅल इण्डिया पॉवर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष आर के त्रिवेदी, इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाईज फेडरेशन आॅफ इण्डिया के सेक्रेटरी जनरल प्रशान्त चौधरी, आॅल इण्डिया फेडरेशन आॅफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाईज के सेक्रेटरी जनरल मोहन शर्मा एवं अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा, उमाशंकर मिश्रा, सतीश पाण्डेय, बालेन्द्र कटियार, चन्द्रशेखर, कमल अग्रवाल, रेनू शुक्ला, मुकुट सिंह, विजय बन्धु, हेमन्त कुमार सिंह, अनिल वर्मा, राम मूरत, अफीफ सिद्दीकी, कमलेश मिश्रा, एस पी सिंह, संजय यादव, राधारानी श्रीवास्तव, एकादशी यादव, रीना त्रिपाठी विशेष तौर पर सम्मिलित हुए। इसके अतिरिक्त उप्र के राज्य कर्मचारी महासंघ और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद सहित राज्य सरकार के सभी श्रमसंघों के पदाधिकारी भी बिजली पंचायत में शामिल हुए।

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