दो जजों की बेंच ने सुनवाई करते हुए सेंट्रल मार्केट शास्त्रीनगर 661/6 के व्यापारियाें की समय सीमा बढ़ाने की याचिका खारिज कर

मेरठ। राहत की आस टूट चुकी है अब केवल सामान समेटने के अलााव कोई चारा नहीं बचा है। वहीं दूसरी ओर बड़ी अदालत से राहत से के बाद अफसरों ने इस अवैध रूप से बनायी गयी बिल्डिंग को बारूद से उड़ाने की तैयारी कर ली है। इसलिए कहा जा रहा है कि राहत से ना बारूद की तैयारी, वहीं दूसरी ओर यह भी चर्चा है कि जिनकी दुकानों में बारूद लगना तब तय है उनके मालिकों का कहना है कि जब उनकी टूट रही है तो बाकियों की क्यों बची है। इस बीच जानकारी मिली है कि शास्त्रीनगर सेक्टर छह सेंट्रल मार्केट पर बने अवैध कॉम्प्लेक्स के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। दो जजों की बेंच ने सुनवाई करते हुए सेंट्रल मार्केट शास्त्रीनगर 661/6 के व्यापारियाें की समय सीमा बढ़ाने की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद बारूद से इस बिल्डिंग को उडाने की आशंका अधिक हो गयी है हालांकि अफसर अधिकृत तौर पर मीडिया से बात करने से मना कर रह हैं।
व्यापारियों ने कोर्ट से मांग की थी कि उन्हें कॉम्प्लेक्स खाली करने के लिए और समय दिया जाए। व्यापारियों 17 मार्च तक कॉम्प्लेक्स खाली करना था, लेकिन उसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि समय सीमा बढ़ाई जाए या नहीं इसको लेकर तीन सप्ताह बाद निर्णय होगा। तब तक आवास विकास परिषद को कॉम्प्लेक्स को खाली कराने के लिए किसी तरह का बल प्रयोग करने पर रोक लगा दी थी। तीन सप्ताह बाद 15 अप्रैल को भी मामले में सुनवाई नहीं हो पाई थी। इसी तरह 21 अप्रैल को सुनवाई की तिथि थी, वह भी टल गई थी। सुप्रीम कोर्ट का आदेश अभी अपलोड नहीं हुआ है, लेकिन सुनवाई के समय मौजूद अधिवक्ताओं ने पुष्टि की है। आवास विकास परिषद के अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति प्राप्त होने के बाद ही वह अग्रिम कार्रवाई करेंगे।बतातें चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने उक्त कॉम्प्लेक्स की तरह निर्मित अन्य निर्माण जो आवासीय भूखंडों पर बने हैं को ध्वस्त करने के आदेश भी 17 दिसंबर 2024 को दिए थे। ढ़ाई हजार से अधिक निर्माणों को इसके तहत आवास विका
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