रंजीत जैन व शरद को कोर्ट से झटका,
-ऋषभ एकाड़ेमी मामले में हाईकोर्ट ने जारी रखी यथास्थिति-
मेरठ। कैंट के वेस्ट एंड रोड मंदिर मार्ग स्थित ऋषभ एकाडेमी को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत और ऋषभ को गिरवाने पर उतारू सदर के रंजीत जैन व शरद जैन को बड़ी झटका दिया है। दरअसल हाईकोर्ट ने डीईओ यानि रक्षा संपदा अधिकारी की ऋषभ के खिलाफ किसी भी प्रकार की ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर स्टे का बैरियर डाल दिया है। इसको ऋषभ की बड़ी जीत तथा रंजीत जैन एंड ग्रुप के लिए बड़ी शिकस्त माना जा रहा है। ऋषभ को मिली इस राहत के बाद स्टॉफ में भी जश्न का माहौल है।
यह है पूरा मामला
साल 1992 में अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए तत्कालीन डीईओ ने ऋषभ को नोटिस भेजा था। लंबी चली सुनवाई के बाद साल 2001 में एकतरफा कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए गए थे। आदेशों के खिलाफ जिला जज की कोर्ट में अपील दायर की गयी। तब यह मामला जिला जज की कोर्ट में लंबित रहा। बाद में हाईकोर्ट से स्टे हासिल कर लिया गया। इस बीच साल 2014 में येन-केन-प्रकरेण ऋषभ में अघोषित तख्ता पलट करते हुए रंजीत जैन एंड ग्रुप यानी मृदुल, सुनील, अनिल बंटी, शरद सरीखे काविज हो गए। ऋषभ के सचिव सीए डा. संजय जैन का कहना है कि यह असंवैधानिक तरीके से किया गया कृत्य था। इसी कारण से जो स्टे हाईकोर्ट से ऋषभ को मिला था उसमें पैरवी नहीं की गयी। इसके पीछे मंशा ऋषभ की संपत्ति को खुदबुर्द करने की रही, जो कदापि उचित नहीं ठहरायी जा सकती। इस बीच डा. संजय जैन ने साल 2020 में रंजीत जैन आदि के खिलाफ गंभीर आरोपों के चलते थाना सदर बाजार में एफआईआर दर्ज करा दी।
पुलिस की पांच के खिलाफ चार्जशीट
इस एफआईआर की जांच के बाद सदर बाजार पुलिस ने पांच लोगों रंजीत जैन, याचना भारद्वाज, राकेश, मृदुल व विकास के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी। शरद व रंजीत पर पुलिस ने गुंडा एक्ट लगायी। रंजीत पर लगायी गयी गुण्ड एक्ट की पुष्टि जिला प्रशासन ने कर दी। इस बीच हुआ यह है कि एक फोटो सामने आ गयी जिसके आधार पर डीईओ को प्रेशर में लेकर पुरानी फाइल को खंगलवाने का काम किया। नतीजा यह हुआ कि डीईओ ने ऋषभ के ध्वस्तीकरण के आदेश जारी कर दिए। प्रशासन व पुलिस से फोर्स मांग ली। यह बात अलग है कि इस सारी कार्रवाई में उल्टे लेने के देने पड़ गए और बैकफुट पर आना पड़ा गया। सचिव डा. संजय जैन ने बताया कि अब रही सही कसर हाईकोर्ट से ऋषभ को मिले स्टे ने पूरी कर दी है। केवल स्टे ही नहीं मिला है बल्कि जो पूर्व का स्टे था उसको ही एक्टिवेट करते हुए ऋषभ के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सभी गतिविधियों पर रोक भी लगा दी गयी है।