रणवीर सिंह को अंतिम नमन, मेरठ रोहटा : भारतीय सेना में रहते हुए चीन,पाकिस्तान के साथ व जंगे आजादी की लड़ाई में दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले पूर्व सैनिक की आज बीमारी के कारण मौत हो गई। जिनका पूरा सैनिक सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर पेश करते हुए अंतिम संस्कार किया गया। सैनिक रणवीर सिंह ने सेवा में रहते हुए अपने नाम बहादुर के चलते 9 मेडल भी प्राप्त किए थे।
गांव चिंदौडी खास निवासी रणवीर सिंह (80) पुत्र नत्थू सिंह वर्ष 1940 में हाईस्कूल परीक्षा पास की और वर्ष 1957 में भारतीय थल सेना में शामिल हो गए थे। भारतीय थल सेवा में रहते हुए उन्होंने भारत चीन युद्ध 1962 भारत-पाकिस्तान युद्ध,1965 भारत-बांग्लादेश युद्ध 1971 में गोवा को 1961 में पुर्तगालियों से आजाद करवाने में अहम भूमिका निभाई थी। इस दौरान उन्होंने बहादुर के चलते भारतीय थल सेवा में 9 मेडल भी प्राप्त किये थे। भारतीय थल सेवा में रहते हुए उन्होंने दुश्मनों के दांत खट्टे करने में अहम भूमिका निभाई। उनकी बहादुर के चलते रहे 9 बार बेस्ट सैनिक अवार्ड से नवाजते हुए 9 मेडल भी प्राप्त किये। 75 आर्म्स रेजीमेंट में दफादार रैंक पर वर्ष 1974 में रणवीर सिंह सेवानिवृत हुए थे। रणवीर सिंह के चार पुत्र है। जिनमें से एक सेना से सेवानिवृत हो चुके हैं। जबकि दूसरा बेटा सेंटर पुलिस में कमांडर के पद पर तैनात हैं। एक पैशे से शिक्षक हैं ।जबकि चौथ कृषि कार्य करता है। रणवीर सिंह देश आजादी से लेकर हिंदुस्तान-पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित तमाम जंगो के किस्से अक्सर ग्रामीणों को सुनते थे। उनकी बहादुरी के किस्से सेना के साथ गांव में भी काफी मशहूर थे। इस दौरान उन्होंने दुश्मनों के दांत खट्टे करके उनके खूब छक्के छुड़ाए थे। रणवीर सिंह के पुत्र उत्तर कुमार ने बताया कि वे काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। मंगलवार की सुबह उनका बीमारी के कारण देहांत हो गया। सेना की टुकड़ी ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर पेश किया स्वामी दी। जिसके बाद उनके पुत्र ने चिता को मुखाग्नि दी। तिरंगे में लिपटे देश के वीर सपूत को पूर्व विधायक जितेंद्र सतवाई ने श्रद्धांजलि दी। इस दौरान भारी संख्या में ग्रामीणों ने उनके अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया। ग्रामीणों ने बताया कि उनके निधन से क्षेत्र को काफी क्षति हुई है। सेना में रहते हुए क्षेत्र नहीं जिले का भी नाम रोशन किया था।