शादी का झांसा देकर रेप फिर दिया बेच, युवती को अमानवीय यातनाओं से गुजरना पड़ा, शादी के नाम पर उसका सौदा नागलखेडी पानीपत हरियाणा निवासी अमित से कर दिया
मेरठ। शादी का झांसा देकर युवती से पहले रेप किया और बाद में अपने घर लेकर जाकर उसको नागलखेडी पानीपत हरियाणा निवासी शख्स से मोटी रकम लेकर शादी कराने के नाम पर बेच दिया। युवती से झूठी शादी से किसी प्रकार वहां से निकलकर भागी और पुलिस के पास पहुंची। जिसके बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस दौरान युवती को अमानवीय यातनाओं से गुजरना पड़ा। यह पूरा मामला मवाना के तिगरी निवासी के मनीष पुत्र रामबीर की भांजी पूर्णिमा से जुड़ा। जिसके खिलाफ उसके मामा ने 13 अप्रैल को घर में रखे दो लाख व 18 तोला सोना चोरी की एफआईआर लिखा थी। लेकिन पुलिस के खुलासे में पूर्णिमा पर लगा चोरी का आरोप झूठ निकला।
दर्दनाक है पूर्णिमा की कहानी
पूर्णिमा ने जो कहानी पुलिस को बतायी वो बेहद दर्दनाक है। उसने बताया कि उसके घर पर उसके रिश्ते का वंश पुत्र सुशील निवासी गुर्जरवाडा थाना देवबन्द जनपद सहारनपुर उन दिनों आया हुआ था। उसने उसको शादी का झांसा देकर फंसा लिया। उसकी मर्जी के खिलाफ उससे दुष्कर्म किया। जब वह रात को सो गयी तो वंश ने ही घर में रखे दो लाख व 18 तोला सोना चोरी कर लिया। चोरी के बंश शादी का झांसा देकर उसको अपने साथ ले गया। वहां ले जाकर उसने अपने ताऊ ऋषिपाल पुत्र फूल सिंह निवासी मौहल्ला गुर्जरवाडा थाना देवबन्द जिला सहारनपुर, रेनू पत्नि सुनील कुमार निवासी ग्राम मंगलौरा जिला करनाल हाल निवासी गुर्जरवाडा थाना देवबन्द जिला सहारनपुर,नीरज पुत्र सुरेन्द्र निवासी मौहल्ला गुर्जरवाडा थाना देवबन्द जिला सहारनपुर से मिलवाया। वहां भी उससे दुष्कर्म सकिया। बाद में उसकी हकीकत सामने आ गयी। पूर्णिमा ने पुलिस ने बताया कि इन सभी ने शादी के नाम पर उसका सौदा नागलखेडी पानीपत हरियाणा निवासी अमित से कर दिया। मारपीट कर उसको अमित के साथ भेज दिया। वहां से पहुंचने के बाद किसी प्रकार जान बचाकर वह भागी और पहले सीधी पुलिस के पास पहुंची। पुलिस ने इस मामले में इस कांड के सूत्राधार वंश व उसके रिश्तेदार, ऋषिपाल, रेनू व सुनील को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं दूसरी ओर पूर्णिमा की अभी भी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। मामला भले ही खुल गया हो लेकिन मामा मनीष के मन में अभी भी टीस है कि घर में रखे दो लाख व 18 तोला सोना चोरी की वारदात पूर्णिमा की वजह से हुई है। ना वंश के झांसे में आती ना ही चोरी की वारदात होती।