रैपिड का स्पेशल स्टील स्पैन फिट, एनसीआरटीसी ने दिल्ली-मेरठ मुख्य मार्ग पर दुहाई डिपो के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) के मुख्य मार्ग को पार करने के लिए दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए 73 मीटर लंबे और 875 टन वजनी स्पेशल स्टील स्पैन (पुल) को ईपीई के मुख्य मार्ग के दोनों ओर बनाए गए लगभग 16 मीटर ऊंचाई के पिलर्स पर सफलतापूर्वक स्थापित कर लिया है। पूरी संरचना तैयार होने के बाद, विंच और रोलर की मदद से इसे खिसका कर दोनों ओर बनाए गए पिलर्स की ओर ले जाया गया और उनपर स्थापित किया गया। स्टील स्पैन की सफल स्थापना के साथ ही दिल्ली से मेरठ के बीच भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण का एक और पड़ाव पूरा कर लिया गया है। इस स्पैन को मिलाकर अब तक दिल्ली मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए 5 स्पेशल स्टील स्पैन स्थापित किये गए हैं, आरआरटीएस कॉरिडोर के एलिवेटेड वायडक्ट के निर्माण के लिए एनसीआरटीसी आमतौर पर औसतन 34 मीटर की दूरी पर पिलर्स खड़ा करता है। जिसके बाद लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) इन पर आरआरटीएस के वायाडक्ट का निर्माण करती हैं। हालांकि, कुछ जटिल क्षेत्रों में जहां कॉरिडोर नदियों, पुलों, रेल क्रॉसिंग, मेट्रो कॉरिडोर, एक्सप्रेसवे या ऐसे अन्य मौजूदा बुनियादी ढांचे को पार कर रहा है, वहां पिलर्स के बीच इस दूरी को बनाए रखना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। ऐसे क्षेत्रों में पिलर्स को जोड़ने के लिए विशेष स्टील स्पैन का उपयोग किया जा रहा है। विशेष स्टील स्पैन विशाल संरचनाएं हैं, जिनमें संरचनात्मक स्टील से बने बीम होते हैं। एनसीआरटीसी कारखानों में स्ट्रक्चरल स्टील से बने विशेष स्पैन का निर्माण कर रहा है, जिसे किसी भी ट्रैफिक समस्या से बचने के लिए रात के दौरान ट्रेलरों पर लाद कर साइट पर ले जाया जाता है और विशेष प्रक्रिया की मदद से व्यवस्थित तरीके से आपस में जोड़ा जाता है। इन स्टील स्पैन के आकार और संरचना को निर्माण, स्थापना और उपयोग की सभी आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष तौर पर डिजाइन किया जाता है।