रैपिड प्लेट फार्म की तैयारी, मेरठ दिल्ली रैपिड रेल के रिठानी स्टेशन के प्लेट फार्म की तैयारी कर ली गयी है। आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ क्षेत्र में बन रहे रिठानी, मेरठ रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम (एमआरटीएस) स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल की स्लैब कास्टिंग का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। इसके साथ ही अब स्टेशन का निर्माण कार्य प्लेटफॉर्म लेवल पर पहुंच गया है। इस स्टेशन को ग्राउंड, कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म तीन लेवल पर तैयार किया जा रहा है। रिठानी स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल की स्लैब कास्टिंग लगभग एक महीने पहले शुरू हुई थी, जिसे दो चरणों में पूरा किया गया है। कॉनकोर्स लेवल की स्लैब कास्टिंग पूरी होने के बाद अब इस लेवल पर पब्लिक यूटिलिटी के लिए आगे का निर्माण कार्य शुरू हो गया है । रिठानी स्टेशन की लंबाई लगभग 75 मीटर है और चौड़ाई लगभग 34 मीटर है, जिसका कॉनकोर्स लेवल ग्राउंड लेवल से लगभग 7 मीटर ऊंचा बनाया जा रहा है। इस स्टेशन के प्लेटफॉर्म लेवल की ऊंचाई लगभग 16 मीटर होगी। स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर बीच में दो ट्रैक आरआरटीएस ट्रेनों के लिए बनेंगे, जहां से आरआरटीएस ट्रेनें, रिठानी स्टेशन पर रुके बिना अपने निर्धारित गंतव्य के लिए गुजरेंगीं। वहीं प्लेटफॉर्म पर आरआरटीएस ट्रैक्स के दोनों ओर लोकल मेरठ मेट्रो ट्रेन के आने और जाने के लिए एक- एक ट्रैक बनाया जाएगा। यहां पर यात्रियों को मेरठ मेट्रो की सुविधा मिलेगी। रिठानी वासियों को आरआरटीएस ट्रेनों में लंबी दूरी का यात्रा करने के लिए आरआरटीएस के मेरठ साउथ या शताब्दी नगर स्टेशनों पर जाना होगा जिसके लिए प्लेटफॉर्म बदलने की आवश्यकता नहीं होगी। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरीडोर में कुल 25 स्टेशन हैं, जिसमें से 13 स्टेशन मेरठ में स्थित है जिनके द्वारा मेरठ में लोकल मेट्रो की ट्रांसिट सेवा स्थानीय निवासियों को मिल सकेगी। मेरठ साउथ स्टेशन से लोकल मेट्रो की सेवा प्रारम्भ होगी और परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी के एलिवेटेड भाग से आगे भैंसाली, मेरठ सेंट्रल और बेगमपुल में भूमिगत हो जाएगी। आगे यह पुनः एलिवेटेड होकर एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ व मोदीपुरम होते हुए मोदीपुरम डिपो तक जाएगी, जहां मोदीपुरम डिपो में ट्रेनों के रखरखाव का प्रबंध किया जाना है।