रैपिड स्टेशन तेजी ले रहा आकार

kabir Sharma
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मेरठ। मेरठ के मोदीपुरम में नमो भारत के निर्माणाधीन दूसरे डिपो पर सिविल कार्य तीव्र गति से जारी है। मोदीपुरम में कृषि विश्वविद्यालय कैंपस के पास नमो भारत के इस दूसरे डिपो का निर्माण हो रहा है। नमो भारत डिपो के पास एनसीआरटीसी मेरठ मेट्रो स्टेशन भी बना रहा है, जिससे आसपास के इलाकों जैसे पावली खास, दौराला, सकौती और पावरसा गांव में रहने वाले लोगों को काफी सुविधा मिलेगी। दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर का एक डिपो फिलहाल दुहाई (गाजियाबाद) में संचालित है। वर्तमान में नमो भारत ट्रेनों का संचालन और रखरखाव दुहाई स्थित इसी डिपो से किया जा रहा है। जल्द ही दिल्ली-मेरठ के संपूर्ण कॉरिडोर पर संचालन शुरू होने के बाद दूसरे डिपो की आवश्यकता बढ़ जाएगी। इन्हीं जरूरतों को पूरा करने के लिए मोदीपुरम में दूसरे डिपो को निर्माण हो रहा है। डिपो के साथ-साथ बन रहा मेट्रो स्टेशन अपने आकार में आ चुका है। इसकी छत का काम तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही यहां डिपो संचालन केंद्र (डीसीसी) भी तैयार किया जाएगा। डिपो के अंदर ट्रेनों की आवाजाही, संचालन व नियंत्रण आदि कार्यों के लिए डीसीसी बनाया जाता है। मोदीपुरम में इसी डिपो पर ट्रेन वर्कशॉप भी तैयार की जा रही है, जहां पर नमो भारत और मेरठ मेट्रो ट्रेनों का रखरखाव किया जाएगा। डिपो के पास स्टैबलिंग लाइनें भी बिछाई जा रही हैं। इसके साथ ही 1.2 किलोमीटर लंबा टेस्ट ट्रैक भी होगा, जिस पर ट्रेनों की टेस्टिंग होगी। डिपो में स्वदेश में निर्मित मशीनरी और उपकरणों का प्रयोग होगा जो कि पहले से ही नमो भारत के संचालन में होता आ रहा है। डिपो स्क्रैप यार्ड और अन्य कार्यालय भी तैयार किए जाएंगे जैसे निरीक्षण वर्कशॉप (आईडब्ल्यूएस), परमानेंट-वे ऑफिस (रेल ट्रैक जांच के लिए) आदि। ट्रेन संचालन की जांच के लिए 4 निरीक्षण बे-लाइन (आईबीएल) और 4 वर्कशॉप लाइन होंगी। इसके अलावा मोदीपुरम स्थित डिपो में स्टेबलिंग लाइन का निर्माण भी किया जाएगा, जिनपर नमो भारत और मेरठ मेट्रो की कुल 34 ट्रेन खड़ी हो सकेंगी।

आईबीएल लाइनें ट्रेनों की टेस्टिंग के लिए बनाई जाती हैं जबकि स्टैबलिंग लाइनों का प्रयोग ट्रेनों को खड़ा करने के लिए किया जाता है। वर्कशॉप लाइनों पर ट्रेनों के रखरखाव और तकनीकी खराबियों को दुरुस्त किया जाता है। हैवी इंटरनल क्लीनिंग लाइन पर ट्रेनों के भीतर की सफाई की जाती है। आईबीएल लाइनों पर ट्रेन की स्टैटिक और डायनामिक दो तरह की टेस्टिंग की जाती है। इस टेस्टिंग के बाद ट्रेन को मेन लाइन पर चलाने की प्रक्रिया आरंभ होती है। ट्रेनों की साफ-सफाई और धुलाई के लिए ऑटोकोच वॉशिंग प्लांट भी डिपो पर बनाया जाएगा। ऐसा वॉशिंग प्लांट फिलहाल दुहाई स्थित डिपो में संचालित है, जहां नमो भारत ट्रेनों की साफ-सफाई व धुलाई की जाती है। अत्यधिक साफ-सफाई के लिए हैवी-क्लीनिंग शेड लाइन (एक) बनाई जाएगी, जहां नियमित अंतराल पर ट्रेनों की धुलाई और सफाई होती है।मोदीपुरम स्थित डिपो के साथ यहां मेरठ मेट्रो का स्टेशन भी तैयार किया जा रहा है। ये एट-ग्रेड स्टेशन है, जिसके लिए दो एंट्री-एग्जिट बनाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, यूनिवर्सिटी की तरफ से स्टेशन पर आने-जाने के लिए एक फुटओवर ब्रिज का निर्माण भी किया जा रहा है।

मेरठ में मेट्रो के लिए कुल 13 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। एक अनूठी पहल के तहत मेरठ मेट्रो का संचालन नमो भारत के बुनियादी ढांचे पर ही किया जाएगा, जो देश में पहली बार है। मेट्रो के लिए मेरठ साउथ, परतापुर,रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो स्टेशन हैं। इनमें से मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम स्टेशन से मेट्रो के अलावा नमो भारत ट्रेन की सुविधा भी यात्रियों को मिलेगी। अन्य स्टेशन केवल मेरठ मेट्रो के लिए होंगे।

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