रास में हवाई उड़ान में देरी की गूंज, राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी एक बार फिर सदन में मेरठ की आवाज बने हैं। उन्होंने मेरठ के परतापुर स्थित अंबेडकर हवाई पट्टी से छोटी-छोटी उड़ानों का मामला पुरजोर तरीके से सदन में उठाया। उन्होंने सभापति को जानकारी दी कि प्रथम स्वतंत्रा संग्राम की नगरी मेरठ के परतापुर हवाई पट्टी को साल 2014 में एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया को सौंपा गया था। इस हवाई पट्टी से हवाई उड़ानों के जिए जूम कंपनी के नाम बिड भी हुई थी। सरकार ने आरसीएस योजना के तहत छोटी-छोटी उड़ानों की मंजूरी भी दे दी थी। लेकिन बाद में संबंधित विभाग के अधिकारियों ने साजिश के चलते 270 सीटर विमान उड़ाने का शगूफा छोड़ दिया। डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि मेरठ के खिलाफ अधिकारियों की साजिश की थी, जिसकी वह कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने सभापति से कहा कि मेरठ से लखनऊ, मेरठ से इलाहाबाद, मेरठ से जालंघर व मेरठ से जम्मू के लिए छोटी हवाई उड़ाने बगैर किसी देरी के उड़ान शुरू कराए।उन्होंने बताया कि मेरठ में वर्तमान में 15 सौ मीटर की हवाई पट्टी है। इस हवाई पट्टी के और तीन मीटर विस्तार के लिए किसानों की जमीन साल 2014 में 58 सौ के रेट से अधिग्रहित की गयी है। उन्होंने सरकार से भी मांग की कि मेरठ के साथ जो अन्याय पूर्व से चल रहा है उसको समाप्त किया जाए। मेरठ के अंबेडकर हवाई अड्डे से तत्काल कम से कम चार उक्त स्थानों के लिए उड़ान शुरू कराई जाए। बाद में यदि आगे जरूरत पड़ी तो हवाई पट्टी का विस्तार जरूरत के अनुपात में किया जा सकता है।