रैपिड कार्य पूरी गति से, मेरठ बीते दो महीने में आरआरटीएस कॉरिडोर पर दो टनल ब्रेकथ्रू गवाह रहा है। इसके साथ ही, कॉरिडोर के एलिवेटेड सेक्शन के निर्माण ने भी गति पकड़ ली है। शहर में आरआरटीएस एवं मेट्रो कॉरिडोर के लिए किया जा रहा पिलर निर्माण का कार्य आधे से ज्यादा पूरा हो गया है। मेरठ साउथ स्टेशन से लेकर मोदीपुरम स्टेशन तक एलिवेटेड हिस्से के निर्माण के लिए लगभग 650 पिलर्स बनाए जाने हैं, जिनमें से लगभग 400 पिलर्स का निर्माण किया जा चुका है। सबसे ज्यादा पिलर्स का निर्माण मेरठ साउथ और ब्रह्मपुरी स्टेशन के बीच हुआ है। बाकी के पिलर्स भी तेजी से आकार ले रहे हैं। तैयार हो चुके पिलर्स पर वायाडक्ट का निर्माण कार्य भी प्रगति कर रहा है। मेरठ में 25 किलोमीटर के आरआरटीएस कॉरिडोर में लगभग 19.5 किलोमीटर का हिस्सा एलिवेटेड और लगभग साढ़े पांच किलोमीटर का हिस्सा भूमिगत होगा। वर्तमान में, कुल एलिवेटेड सेक्शन में से लगभग 4 किलोमीटर में वायाडक्ट निर्माण पूरा कर लिया गया है।वहीं, दूसरी तारिणी शताब्दी नगर और ब्रह्मपुरी के बीच लगभग 2 किलोमीटर के वायाडक्ट निर्माण में कार्यरत है। तीसरी तारिणी एमईएस कॉलोनी और दौरली स्टेशन के बीच इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया में है। इसका उपयोग लगभग 3 किमी लंबे वायाडक्ट के निर्माण के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही, कॉरिडोर के एलिवेटेड स्टेशनों का निर्माण भी प्रगति पर है। मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर और ब्रह्मपुरी स्टेशन का निर्माण कार्य प्लेटफॉर्म लेवल तक पहुंच गया है। ये सभी एलिवेटेड स्टेशन पूरी तरह आकार ले चुके हैं। दौरली स्टेशन में वर्तमान में कॉनकोर्स लेवल का निर्माण किया जा रहा है। वहीं बाकी के एलिवेटेड स्टेशनों- एमईएस कॉलोनी, मेरठ नॉर्थ और मोदीपुरम में फिलहाल पिलर निर्माण का कार्य जारी है। मेरठ के दक्षिणी हिस्से से शुरू करें तो मेरठ मेट्रो के स्टेशनों के नाम क्रमश: मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो स्टेशन है। इन में से 4 स्टेशनों, मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम पर यात्रियों को मेट्रो के साथ आरआरटीएस की सुविधा भी मिलेगी।