रैपिड नहीं नाम ‘RAPIDX’ रखा, भारत की पहली रीजनल रेल सेवा का नाम ‘RAPIDX’ रखा गया है। एनसीआरटीसी की प्रेरणा दलकोटिया ने बताया कि NCRTC द्वारा भारत की पहली सेमी हाई-स्पीड रीजनल रेल सेवाओं को ‘RAPIDX’ नाम दिया गया है। मेरठ से दिल्ली के बीच ये सेवाएं रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर पर चलेंगी, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रमुख शहरी नोड्स को आपस में जोड़ने के लिए कार्यान्वित की जा रही हैं। ब्रांड नाम – RAPIDX पढ़ने में आसान और विभिन्न भाषाओं में उच्चारण करने में आसान है। ‘रैपिड’ नाम को पहले से ही हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूरे क्षेत्र के नागरिकों द्वारा अपनी यातायात प्रणाली के रूप में अपनाया और पसंद किया जा रहा है। गति और प्रगति को दर्शाने के अलावा, नाम में X अगली पीढ़ी को दर्शाता है। प्रौद्योगिकी और नए युग को दर्शाता है। यह युवाओं, आशावाद और ऊर्जा का भी प्रतिनिधित्व करता है। हरी पत्ती का प्रतीक एनसीआर में ना केवल केवल सड़क पर वाहनों की संख्या को कम करके बल्कि हरित ऊर्जा के उपयोग से डीकार्बोनाइजेशन के प्रति ब्रांड की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एनसीआरटीसी स्टेशनों और डिपो पर सौर पैनलों की स्थापना के साथ-साथ कर्षण में मिश्रित शक्ति का उपयोग करके हरित ऊर्जा का दोहन कर रहा है जिसे उत्तरोत्तर बढ़ाने की योजना है। रैपिडएक्स यात्रा के एक आधुनिक, विश्व स्तरीय, टिकाऊ, सुविधाजनक, तेज, सुरक्षित और आरामदायक साधनों के माध्यम से एनसीआर में अपने गृहनगर में रहने वाले लोगों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ेगा। एनसीआर में युवाओं के लिए, रैपिडएक्स उन्हें उनकी आकांक्षाओं की ओर ले जाने वाले अवसरों की दुनिया तक आसान और तेज पहुंच प्रदान करेगा। पहले आरआरटीएस कॉरिडोर, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ पर रैपिडएक्स सेवाएं, 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर प्रदान की जायेंगी। दिल्ली से मेरठ के बीच यात्रा के समय को ये काफी कम कर देंगी। एनसीआरटीसी 2025 तक पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को जनता के लिए चालू करने का लक्ष्य बना रही है। इससे पहले, निर्धारित समय से पहले 2023 में साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता खंड का परिचालन आरंभ हो जायेगा।