ऋषभ एकाडेमी अब नो टेंशन
-ऋषभ को राहत-विराेध खेमे की आफत-
मेरठ। वेस्ट एंड रोड मंदिर मार्ग स्थित ऋषभ एकाडेमी प्रकरण को लेकर स्कूल के सचिव डा. संजय जैन की मजबूत पैरवी के चलते ऋषभ को बंद कराने पर अमादा लोगों को मुंह की खानी पड़ी। अब ना ऋषभ को खतरा है ना वहां के स्टाफ को और नहीं वहां बढ़ाई कर रहे बच्चों की शिक्षा पर किसी प्रकार का संकट है। विरोधियों की करारी हार और ऋषभ की सरकार और अदालत में इस जीत पर तमाम अभिभावकाें ने खुशी का इजहार किया है और स्टाफ जश्न के मूड में है। अदालत से ऋषभ एकाडेमी को बड़ी राहत मिली है। वहीं दूसरी ओर डीईओ यानि रक्षा संपदा अधिकारी को इस मामले में अब बैकफुट पर आना माना जा रहा है। मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने ऋषभ एकाडेमी के खिलाफ डीईओ की किसी भी कार्रवाई पर बैरियर डालते ऋषभ को मिला स्टे एक्टिवेट कर दिया है। स्कूल के खिलाफ डीईओ की जिस कार्रवाई को हौवा खड़ा किया जा रहा था। वो अब नहीं होगी। उस पर अदालत ने ही रोक लगा दी है। साथ ही जो स्टे मिला हुआ था वह भी पूर्व वाली अवस्था में आ गया है।
अदालत ही नहीं सरकार से भी बड़ी राहत
ऋषभ एकाडेमी को केवल अदालत ही नहीं सरकार से भी बड़ी राहत मिली है। डीईओ की जिस कार्रवाई को लेकर ऋषभ के एकाडेमी के खिलाफ स्टाफ में भय का माहौल बनाया जा रहा था सरकार के आदेश ने उसको लेकर भी साफ कर दिया कि ऋषभ एकाडेमी पर कोई कार्रवाई नहीं होने दी जा रही है। इसके लिए आदेश में बाकायदा नियम कायदों का भी हवाला दिया गया है। डीईओ को इंगित करते हुए सरकार के आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि यदि किसी भी भवन में कोई अवैध निर्माण हुआ है तो उस पर कार्रवाई की एक मियाद होती है जो अधिकतम बीस साल है, लेकिन डीईओ जिस अवैध निर्माण पर कार्रवाई की बात कर रहे है वह 33 साल पुराना है। इसलिए वह किसी भी प्रकार की कार्रवाई की जद से नियमानुसार बाहर है उसमें कुछ कहने सुनने की गुंजाइश भर तक नहीं क्योंकि यह नियम है। इसके अलावा जिस पर कार्रवाई की बात कही जा रही थी वहां शिक्षण संस्था संचालित की जा रही है। इसलिए वैसे भी वहां कार्रवाई संभव नहीं है। नियम में इस बात का भी स्पष्ट उल्लेख किया गया है।
अब बात अदालत की
अदालत के जिस स्टे के वैकेट होने के बाद यह बखेड़ा स्कूल में पूर्व में येन-केन-प्रकरेण काविज रहे रंजीत जैन और खुद का कनेक्शन बताने वाले शरद जैन को सबसे बड़ी शिकस्त और फटकार अदालत ने लगायी है। इससे पहले यह स्पष्ट कर दें कि रंजीत जैन स्कूल पर जेसीबी चलवाने पर अमादा थे। स्कूल के अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने खुद को अदालत में पेश किया। उनका साथ देने का काम किया शरद जैन ने, लेकिन अदालत में दोनों को ही मुंह की खानी पड़ी। ऋषभ को बचाने की लड़ाई लड़ रहे सचिव सीए डा. संजय जैन ने बताया कि रंजीत जैन व शरद जैन की तमाम बातों व दावों को ना केवल अदालत ने खारिज किया बल्कि कड़ी फटकार भी लगायी। डा. संजय जैन का कहना है कि इस मामले में रंजीत जैन का साथ जो लोग दे रहे हैं मसलन अनिल जैन बंटी, मृदुल जैन व सुनील जैन सरीखों की सच्चाई को अब वह समाज के सामने बेपर्दा करेंगे।