ऋषभ मैनेजमेंट पर शिकंजा, विधवा की बेटी को परीक्षा केंद्र से बाहर निकलाने वाले मेरठ के वेस्ट एंड रोड मंदिर मार्ग स्थित ऋभष एकाडेमी पर शिकंजा कस गया है। गाजियाबाद पेरेंट एसोसिएशन की शिकायत का संज्ञान लेकर राष्ट्रीय बाल व महिला आयोग ने जिला प्रशासन से पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब कर ली है। आयोग के नोटिस के बाद अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। अपुष्ट सूत्रों की मानें तो प्रशासन के एक्शन मोड में आने के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक जिन पर अब तक ऋषभ मैनेजमेंट की गोद में खेलने के आरोप लगाते रहे हैं, उन्होंने भी मैनेजमेंट के पेंच कस दिए हैं। पता चला है कि मैनेजमेंट को दो टूक बोल बता दिया गया है कि राष्ट्रीय बाल आयोग ने चाबुक उठा लिया है। यदि तोपखाना निवासी विधवा महिला शैली शर्मा की पुत्री के प्रकरण का निस्तारण नहीं किया गया तो फिर खैर नहीं। साथ ही मैनेजमेंट को तलब भी कर लिया गया है। वहीं दूसरी ओर शैली शर्मा के करीबी सूत्रों ने जानकारी दी है कि आयोग के सख्त रवैये के चलते अब ऋषभ मैनेजमेंट भी घुटनों पर आ गया है। हालांकि सुना तो यहां तक गया है कि हर चीज को सिक्कों की खनक से मैनेज करने वाले इस मामले को भी मैनेज करने का रास्ता तलाश रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कहा जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब ऊंंट पहाड़ के नीचे आ गया है और बिटिया के एक-एक आंसुओं का हिसाब मांगा जा रहा है। इस पूरे प्रकरण में जहां आयोग, प्रशासन व शिक्षा विभाग मैनेजमेंट ने जहां ऋभष मैनेजमेंट पर पूरी तरह से शिकंजा कस दिया है, वहीं दूसरी ओर सदर जैन समाज के वो लोग जो खुद को ऋभष का स्वयंभू कर्ताधर्ता बताते नहीं अघाते हैं और भले ही कोर्ट के आदेश से ही सही जिनके करीबी रिश्तेदार पर ऋभष के संचालन की जिम्मेदारी है, पिछले दिनों के इस शिक्षण संस्था को लेकर जो भी घटनाक्रम मीडिया में आए हैं उनकी वजह से समाज में कड़ी आलोचना हो रही है, जिससे इस परिवार की प्रतिष्ठा पर भी अब जैन समाज में धृतराष्ट्र बने रहने पर सवाल उठा रहा है। पूछा जा रहा है कि क्या इस लूट में हिस्सेदार हैं या वजह कोई और है।