RTE: GD गोयनका पर सख्ती, गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की शिकायत का सज्ञान लेते हुये राष्ट्रीय बाल अधिकार सरक्षंण आयोग , नई दिल्ली द्वारा निःशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार ( के नियमो की खुले आम धज्जियां उड़ा रहे गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन स्थित जी डी गोयनका , स्कूल पर सख्ती दिखाते हुये आरटीई के अंतर्गत चयनिय बच्चों के दाखिले नही लेने पर जिलाधिकारी से 10 दिन के अंदर आरटीई अधिनियम 2009 की धारा 12 (1)(c) के तहत जबाब मांगा है। आरटीई के चयनित बच्चों के दाखिलों को लेकर जीपीए लगातार कार्य कर रही है। संस्था दाखिले की समस्या का समाधान कराने को जुट जाती है। इसी का उदाहरण गाजियाबाद के जी. ड़ी गोयनका पब्लिक स्कूल ,राजनगर एक्सटेंशन में अभिभावक के दो बच्चों का का नाम आरटीई के अंतर्गत सूची में दाखिले के लिए अप्रैल माह में आया था। अभिभावक लगातार स्कूल और शिक्षाधिकारियों के चक्कर पिछले 6 महीने से लगाये जा रहे थे उसके बाद भी स्कूल द्वारा बच्चों का दाखिला नही लिया गया हद तो तब हो गई जब जिले के अपर जिला मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह द्वारा स्कूल को बच्चों के दाखिले के लिए सख्त पत्र भी लिखा परंतु उसके बाद भी स्कूल ने मनमानी दिखाते हुये बच्चों का दाखिला नही लिया उसके अभिभावक द्वारा गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन से अपने बच्चों के दाखिले की गुहार लगाई है जीपीए ने तत्काल अभिभावक की शिकायत का सज्ञान लेते हुये बाल आयोग सहित , प्रदेश के मुख्यमंत्री , कैन्द्रीय शिक्षा मंत्री सहित तमाम अधिकारियों को आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चों के दाखिले स्कूल में सुनिश्चित कराने के लिए पत्र लिखा जिसका सज्ञान लेते हुये आयोग ने जिलाधिकारी से 10 दिन के अंदर जबाब मांगा है । जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने कहा कि जीपीए की टीम प्रत्येक अभिभावक और बच्चे के साथ पूरी शक्ति से खड़ी है, जीपीए शिक्षा का मौलिक अधिकार दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है निजी स्कूलों को भी चाहिये कि वो अपने अंदर मानवता का भाव जागृत करते हुये बच्चों को आरटीई के अंतर्गत दाखिला देकर शिक्षा का मौलिक अधिकार देने में मदद करे ।