RTI एक्टिविस्ट की जान को खतरा

RTI एक्टिविस्ट की जान को खतरा
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RTI एक्टिविस्ट की जान को खतरा, मेरठ में नगर निगम और मेरठ विकास प्राधिकरण के कुछ भ्रष्ट स्टाफ के कारनामों को उजागर करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट की जान जोखिम में है। उनके साथ मारपीट आम बात हो गयी है। हैरानी की बात तो यह है कि यह सब सरकारी दफ्तरों में घुसकर वो भूमाफिया कर रहे हैं, जिनकी शिकायत आरटीआई एक्टिविस्ट शासन में आईजीआरएस पार्टल पर करते हैं। यदि किसी शिकायत पर कार्रवाई हो जाती है तो आरटीआईआई एक्टिविस्ट से मारपीट की जाती है, जैसा की पिछले दिनों आरटीआई एक्टिवस्ट अरूण के साथ पवित्र मित्रा ने एमडीएम में किया। गुंडागर्दी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एमडीए परिसर में जहां भारी भीड़ थी आरटीआई एक्टिविस्ट को पवित्र बुरी तरह धमकाता व पीटता है। कोई बचाव के लिए नहीं आता। उससे भी दुखद यह कि पवित्र मित्रा के खिलाफ दी गई तहरीर पर थाना एफआईआर तक दर्ज नहीं करता। अब ऐसा ही कुछ एक अन्य आरटीआई एक्टिविस्ट माधवपरम के वीके गुप्ता के साथ हुआ है। उन्होंने बताया कि भूमाफिया जिनकी शिकायतें शासन को की गयी हैं वो जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इन्हें मेरठ विकास प्राधिकरण जोन डी वन में अवैध निर्माण रोकने के लिए जिम्मेदार अफसरों को पूरा संरक्षण हासिल है। वीके गुप्ता का आरोप है कि पवित्र मित्रा सरीखे अरूण से मारपीट के आरोपी के इशारे पर ही आईजीआरएस पर जो शिकायत की जाती हैं उन मामलो में आरटीआई एक्टिविस्ट को शार्ट नोटिस पर तलब किया जाता है। ऐसा जानबूझ कर किया जाता है। शार्ट नोटिस इसलिए भेजा जाता है ताकि आरटीआई एक्टिवस्ट को तय समय पर पहुंचने का समय ही न मिले और एक तरफा शिकायत का निस्तारण कर दिया जाए। वीके गुप्ता ने बताया कि यदि कोई समय पर पहुंच भी जाता है तो उसको पवित्र व उसके गुर्गे धमकाने का काम करते हैं। पवित्र के तमाम अवैध निर्माण है जिनको ध्वस्त करने के बजाए एमडीए संरक्षण देने का काम कर रहा है।

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