सचिन सिराही अरेस्ट कोर्ट से जमानत, अदालत के बाहर और भीतर बेहद गर्म रहा माहौल, दोनों ओर से जबरदस्त बहस



मेरठ/ कैंट स्टेशन मजिस्द पर हनुमान चालिस प्रकरण में पुलिस ने शुक्रवार को हिन्दुवादी नेता सचिन सिरोही को गिरफ्तार और रिहा हो गए। दरअसल सचिन सिरोही पहुंचे पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का पुतला फूंकने कमिश्नरी पर पहुंचे थे। जब दो कार्यकर्ताओं ने पुतला दहन कर दिया और पुलिस के हाथ भी नहीं आए उसके बाद सचिन सिरोही को हिरासत में लेकर सिविल लाइन थाना पहुंचा दिया गया। दिन थाने में बैठाए रखा। कागजात तैयार कर शाम को एसीजेएएम कोर्ट में पेश कर दिया जहां से उनकी जमानत खारिज कर दी गयी। इसको लेकर कुछ वकील डीजे के यहां पहुंच गए। वहां विरोध जताया। बाद में डीजे की कोर्ट में एसीजेएम भी पहुंच गयी। उनके द्वारा खारिज की गई जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद डीजे की कोर्ट ने जमानत दे दी। हालांकि यह सब इतना आसान भी नहीं था। अदालत में मौजूद पैरोकरों को जमानत कराने में पसीने छूटने लगे। गिरफ्तार किए गए सचिन सिरोही को लेकर सिविल लाइन पुलिस कड़ी सुरक्षा में एसीएम सदर के कोर्ट में पहुंची थी। एक बारंगी तो यही लगा कि यहां से सीधे जेल भेज दिया जाएगा। पुलिस भी यही चाहती थी कि जेल भेज दिया जाए। दोनों से जबरदस्त बहस हुई। सभी को लगने लगा था कि जेल जाना तय है, इस बीच कुछ घटनाक्रम तेजी से बदला और अंतोगत्वा जमानत पर रिहा करने के आदेश कर दिए गए। वहीं दूसरी ओर जमानत मिलने के बाद सचिन सिरोही ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। वो केवल कमिश्नरी पर सीएम योगी के प्रति अपशब्द कहने वाली पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का पुतला फूंकना चाहते थे, लेकिन उसी दौरान पुलिस वाले उन्हें हिरासत में लेकर थाना सिविल लाइन पहुंच गए। उन्होंने अदालती कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे साथियों का आभार जताया।
यति की एसएसपी आवास पर धरने की चेतावनी

सचिन सिरोही की गिरफ्तारी की खबर के बाद यति नरसिम्हानंद ने बाकायदा वीडियो जारी कर गिरफ्तारी की कठोर शब्दों में निंदा की और चेतावनी दी कि यदि उन्हें रिहा नहीं किया गया तो एसएसपी के आवास पर धरना देंगे। यति का यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ। हालांकि वीडियो जारी ही सोशल मीडिया पर वायरल करने के लिए किया गया था।