साहित्य का ज्ञान मानव को जरूरी, मेरठ। साहित्य का ज्ञान मानव जाति के लिए अति आवश्यक है। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ आर्ट्स ह्यूमनिटीज़ द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में वक्ताओं ने समाज में होने वाली अनेक समस्याओं के निवारण पर प्रकाश डाला।
दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन कुलपति प्रो.(डॉ.) दीपा शर्मा, प्रति कुलपति प्रोफेसर एसडी शर्मा, कुलसचिव प्रो.(डॉ.) वीपी राकेश एवं प्रथम दिवस के मुख्य अतिथि प्रो.(डॉ.) सीके गौतम मुख्य वक्ता चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) विकास शर्मा एचएनबी सेंट्रल विश्वविद्यालय श्रीनगर उत्तराखंड की प्रो.(डॉ.) मोनिका गुप्ता, कला आप एवं मानविकी विभाग के डीन प्रो.(डॉ.) सुभाष गौतम ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। तौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए प्रो.(डॉ.) विकास शर्मा ने विस्तार पूर्वक साहित्यिक जानकारी दी। प्रो.(डॉ.) मोनिका गुप्ता ने समाज में जेंडर भेदभाव पर प्रकाश डालते हुए लेस्बियन, गे, ट्रांसजेंडर की समस्या उठाई। डॉक्टर सीके गौतम ने मुख्य अतिथि के रूप में ‘साहित्य एवं समाज’ विषय पर कॉन्फ्रेंस थीम को परिभाषित किया। प्रति कुलपति प्रोफेसर एसडी शर्मा ने समाज में होने वाली अनेक समस्याओं के निवारण पर प्रकाश डाला। कुलसचिव डॉक्टर वीपी राकेश ने साहित्य ज्ञान को प्रत्येक मानव जाति के लिए अति आवश्यक बताया। प्रो.(डॉ.) सुभाष गौतम ने अपने व्याख्यान में ‘साहित्य ही जीवन का दर्पण है’ पर गहनता से प्रकाश डाला। इस अवसर पर सम्मेलन में वाचन किये जाने वाले शोध पत्रों के सोविनियर का विमोचन भी किया गया।
प्रथम सत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और दूसरे राज्यों में से आए प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों ने अपने-अपने शोध पत्रों का वाचन किया। तकनीकी सत्र के चेयरपर्सन डॉ विकास शर्मा ने सभी शोध पत्रों की समीक्षा करते हुए शोधार्थियों और प्राध्यापकों का उत्साह वर्धन किया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर फरहा हाशमी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विश्वविद्यालय के सभी अकादमिक/ प्रशासनिक अधिकारियों एवं कला एवं मानविकी विभाग के सभी प्राध्यापकों का पूर्ण सहयोग रहा। द्वितीय सत्र तकनीकी सत्र में एसओ एवं विभागाध्यक्ष डॉक्टर अतीक-उर-रहमान एवं प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह का सराहनीय योगदान रहा। डॉ. अतीक-उर-रहमान और पूनम शर्मा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।