सावधान! एक फैक काॅल और लाखों की चपत, मेरठ मोबाइल पर आने वाली अंजान काल से सावधान रहें। एक फैक काल आपको कंगाल कर सकती है। एसएसपी रोहित सजवाण ने बताया कि पुलिस की ओर से लगातार लोगों को साइबर क्राइम से बचाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन कई बार नासमझी के चलते लोग ऐसे गिरोह की जाल में फंस जाते हैं। साइबर क्राइम करने वाले तमाम नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पुलिस और साइबर क्राइम की बात करें तो ऐसे अपराधी पुलिस डाल डाल तो वो पात-पात साबित हो रहे हैं। पुलिस की साइबर टीम भी मान रही है कि अब ज्यादा शातिराना अंदाजा से काम किया जा रहा है। कई ऐसे मामले होते हैं जिनमें पीड़ित पुलिस के पास तक नहीं आते। साइबर क्रिमिनल अब खुद को बड़ा अपराधी बताकर भी लोगों को डराने धमाने व ठगी का काम कर रहे हैं। लखनऊ में ऐसा उदाहरण सामने आया है। जिसमें अज्ञात नंबर से फोन कर एक व्यक्ति ने खुद को कस्टम अधिकारी बताकर कहा कि आपके नाम पर कंबोडिया से पार्सल बुक है। उसमें कुछ जाली पासपोर्ट व एटीएम कार्ड मिला है जिससे आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस हो गया है। उसके बार करीब तीन लाख से ज्यादा की रकम की ठगी कर ली गयी। पुलिस का कहना है कि वक्त जाया किए बगैर तत्काल साइबर थाना पहुंचकर मामले की जानकारी देनी चाहिए ताकि अपराधियों तक पहुंचा जा सके। देरी का मतलब साइबर क्राइम करने वालों को भागने का मौका देना है। दूसरा केस रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी शिवेंद्र बैंबी से ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर 1.40 करोड़ की रकम ठग ली गई। बीते 30 मार्च को करोड़ों की रकम कमाने का झांसा देकर उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़े गए थे। इसके बाद 15 किश्तों में खाते से रकम ट्रांसफर करा ली गई। इसके बाद उन्हें ग्रुप से निकाल दिया गया। पीड़ित ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है। बता दें कि शिवेंद्र बैंबी वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. विश्वजीत बैंबी के भाई हैं।