हाईकोर्ट ने पंकज जौली की सात रिट की थीं खारिज, सील कर ध्वस्त करने के है आदेश
कैंट बोर्ड की फाइलों में सील 22-B है गुलजार, हाईकोर्ट से पंकज जौली की सात रिट खारिज करने के बाद ध्वस्त करने के आदेश के बाद भी कैंट के बाउंड्री रोड स्थित होटल 22-B कैंट अफसरों की कारगुजारियों की पोल खोल रहा है। केवल कैंट बोर्ड ही नहीं होटल 22-Bमें जो कुछ हुआ उसमें सीईओ व डीईओ के अलावा सब एरिया मुख्यालय के वो अधिकारी भी कम कसूरवार नहीं जो यहां थर्ड पार्टी लीकर लाइसेंस दिया करते थे। इनके अलावा लालकुर्ती पुलिस भी कम कसूरवार नहीं जिसने हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी सील तोड़ने के आरोप में पंकज जौली के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की।
लंबी है अफसरों के गुनाहों की लिस्ट
कैंट के बाउंड्री रोड स्थित होटल 22-B को लेकर सीईओ कैंट व डीईओ के गुनाहों की लिस्ट काफी लंबी है। इतनी लंबी कि यदि भारत सरकार इस मामले की जांच सीबीआई से करा दे तो सीईओ व डीईओ तथा लालकुर्ती थाना के तत्कालीन अफसर संभवत: सलाखों के पीछे होेंगे। होटल 22-B डीईओ लैंड है। कैंट की फाइलों में यह आज भी सील है। यह बात अलग है कि वहां चौबीस घंटे महफिलें सजती हैं। सूत्रों ने जानकारी दी है कि साल 2013/14 में कैंट बोर्ड की एक बैठक में बंगला / होटल 22-B में किए गए तमाम अवैध निर्माण ध्वस्त करने के आदेश जारी किए गए थे। उस समय कैंट बोर्ड के सीईओ पुरुषोत्तम लाल व डीईओ डीएन यादव हुआ करते थे, जिनकी ईमानदारी के किस्से आज भी कैंट अफसरों के बीच में सुने जाते हैं। कैंट बोर्ड की बैठक में तब दिए गए होटल 22-B के ध्वस्तीकरण के आदेशों के खिलाफ पंकज जौली हाईकोर्ट चला गया। ध्वस्तीकरण के बोर्ड के आदेशों के खिलाफ बैक टू बैक सात रिट दायर की गयी और सातों खारिज भी हो गईं। उसी दौरान धारा 249 की तहत कार्रवाई करते हुए होटल 22-B सील कर दिया गया। सील की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में दर्खास्त देकर बताया गया कि वहां कोई अवैध निर्माण नहीं किया जा रहा है, महज मरम्मत भर की जा रही है। लेकिन हाईकोर्ट में यह दलील नहीं चली। उसके बाद 2018 में होटल 22-B पर लगाई गई कैंट बोर्ड की सील को तोड़ दिया गया। इसके खिलाफ कैंट बोर्ड हाईकोर्ट गया। इसको गंभीर मानते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस को पंकज जौली के खिलाफ FIR दर्ज कराने के आदेश कैंट बोर्ड को दिए। लेकिन आरोप है कि लालकुर्ती पुलिस ने पंकज जौली पर मुकदमा नहीं लिखा तथा जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति भर की गई। उसके बाद साल 2018 में एक बार फिर पंकज जौली हाईकोर्ट गया और ट्रेड लाइसेंस दिलाने की प्रार्थना की। लेकिन बाद में उसने वह प्रार्थना पत्र यह कहते हुए वापस ले लिया कि मुझे उम्मीद है कि कैंट बोर्ड मेरी दरखास्त पर गौर कर ट्रेड लाइसेंस जारी कर देगा। जानकारों का कहना है कि हाईकोर्ट में पहले अर्जी दायर करना और फिर वापस ले लेना अकारण नहीं था। इसके पीछे खेल था और उस खेल में जितने भी किरदार शामिल थे, वो सभी होटल 22-B को ट्रेड लाइसेंस दिलाने में बाद में कामयाब भी हो गए।
जिन्होंने लगायी सील उन्होंने दिला दिया ट्रेड लाइसेंस
होटल 22-B पर सील लगाने का काम कैंट बोर्ड के सेनेट्री सेक्शन व इंजीनियरिंग सेक्शन के जिन अफसरों ने किया था, उन्होंने ही साल 2018 में होटल 22-B चलाने को ट्रेड लाइसेंस दिलाने का गुनाह किया। हालांकि यह ट्रेड लाइसेंस बजाए पंकज जौली के उसके पुत्र कुंज जौली के नाम जारी किया गया। याद रहे कि होटल 22-B को ट्रेड लाइसेंस दिलाने की यह कारगुजारी पकड़ने का काम कुछ समय पहले मेरठ में कैंट बोर्ड के अधिकारियों पर लगे अवैध निर्माण व भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच को आए मध्य कमान लखनऊ के डायरेक्टर डीएन यादव ने पकड़ ली थी। उसको लेकर बोर्ड के ट्रेड लाइसेंस के कसूरवार व आरोपी अफसरों की महकमे में काफी थू-थू हुई थी। सवाल पूछा गया कि कैंट बोर्ड की फाइलों में सील 22-B का ट्रेड लाइसेंस कैसे बन गया।
सब एरिया मुख्यालय को रखा अंधेरे में
होटल 22-B को मयखाने में तब्दील करने के लिए कैंट बोर्ड के उन अफसराें ने कोई कोरकसर नहीं रखी जिन पर भारी धनवर्षा की जा रही थी। दरअसल हुआ यह कि होटल 22-B में होने वाली पार्टियों के लिए थर्ड पार्टी लीकर लाइसेंस दिए जाते रहे। आरोप है कि 22-B होटल हाईकोर्ट के आदेशों पर सील है सब एरिया के थर्ड पार्टी लीकर लाइसेंस देने वाले अफसरों से यह तथ्य छिपाया जाता रहा। बार-बार 22-B होटल को थर्ड पार्टी बार लाइसेंस सब एरिया से दिया जाता रहा।