अरब देशों से लौटने वालों की तलाश

अरब देशों से लौटने वालों की तलाश
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अरब देशों से लौटने वालों की तलाश,

-सड़क पर नमाज को लेकर दर्ज किए थे पुलिस ने करीब 200 पर मुकदमें-

मेरठ/दुबई व साऊदी अरब से लौटे करीब 150 बांटेड की पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है। इसके लिए मुखबिरों की भी मदद ली जा रही है। माना जा रहा है कि इस साल इन सभी की ईद जेल की कोठरी में होगी। इन पर शासन के निर्देश पर प्रशासन की रोक के बावजूद ईदगाह परिसर के बाहर नमाज पढ़ने और बवाल का आरोप है। इसको लेकर बीते साल बकरीद के मौके पर थाना Railway Road के एक दरोगा की ओर से दौ सौ के खिलाफ मुकदमा लिखाया गया था। जानकारों का कहना है कि पुलिस की ओर मुकदमा लिखवाए जाने के बाद ये सभी पुलिस कार्रवाई व गिरफ्तारी के डर से शहर छोड़कर भाग गए थे। कुछ के बारे में पता था कि ये लोग देश के दूसरे राज्यों में जा छिपे हैं। वहीं काम-धंधा देख लिया है, लेकिन बड़ी संख्या ऐसे बांटेड की भी बताई जा रही है जो दुबई व साऊदी अरब सरीखे मुल्कों में भाग गए थे। ईद से पहले इनकी वापसी की आहट के बाद पुलिस के चौकन्नी हो गयी है। जानकारों की मानें तो मुकदमे की पिछले साल की फाइल की धूल झाड़ी जा रही है। जो वांटेड हैं उनकी सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी गई है। इसके लिए पुलिस ने अपने मुखबिरों को सक्रिय कर दिया है। माना जा रहा है कि यदि पुलिस की प्लानिंग सफल रही तो जिनकी तलाश की बात कही जा रही है उनकी ईद इस बार बजाए घर परिवार के जेल की सलाखों के पीछे मनेगी। क्योंकि जिन्हें भी दबोच कर जेल भेजा जाएगा, पुलिस उन्हें आसानी से कम से कम ईद तक तो बाहर नहीं आने देगी।

यह हुआ था बीते साल
ईदगाह परिसर के बाहर दिल्ली रोड पर रास्ता रोककर सड़क पर नमाज पढ़ने के मामले में 200 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। ये सभी मुकदमें पुलिस ने वीडियो को सबूत मान कर दर्ज किए। जिनके चेहरे नजर आए उन सभी को कसूरवार मान लिया गया। इनमें से करीब 50 अरेस्ट कर लिए गए थे। बीते साल से पहले भी सड़क पर नमाज पढ़ने पर मुकदमे दर्ज किए गए थे। हर साल पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की ओर से ईद की नमाज सड़क पर न हो, इसके लिए कड़े इंतजाम किए जाते हैं। पिछले साल की बात करें तो पुलिस ने ईदगाह परिसर के भीतर ही नमाज की ताकीद की थी, लेकिन ईदगाह पर बड़ी संख्या में नमाजी पहुंच गए। जिन्हें परिसर में जगह नहीं मिली वो मजबूरन ईदगाह से बाहर सड़क पर नमाज पर के लिए आ गए। जैसा कि साल 2017 से पहले दशकों से होता रहा है। पुलिस ने उन्हें नमाज से रोका तो हंगामा हो गया। धक्का मुक्की नारेबाजी और फिर सभी ने जबरन सड़क पर नमाज पढ़ी। पुलिस ने उसका वीडियो बना लिया और उठकार रेलवे रोड थाना के दारोगा रामअवतार से अफसरों ने 200 नमाजियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा डाले। मुकदमे दर्ज करने के बाद वीडियो में चेहरे पहचान-पहचान कर उनकी धरपकड़ शुरू कर दी गयी। पुलिस के हत्थे चढ़ने से गिरफ्तारी के डर से घर छोड़ कर चले जाना ही बेहतर समझा और किया भी वैसा ही। अब जब रमजान व ईद सिर पर है तो पुलिस ने पुरानी फाइल की धूल झाड़कर उनकी तलाश शुरू कर दी है जिनके चेहरे वीडियो में नजर आ रहे हैं।
नवरात्र व कांवड इजाजत तो ईद पर रोक क्यों
9 दिन तक चलने वाले शारदीय व बसंतीय नवरात्र और करीब एक पखवाडेÞ तक चलने वाली कांवड़ यात्रा के मौके पर किसी प्रकार की रोकटोक नहीं की जाती है तो फिर ईद पर महज 10 से 15 मिनट में निपट जाने वाले नमाज को लेकर इतना स्यापा क्यों। नाम ना छापे जाने की शर्त पर कई मुस्लिमों ने इसको लेकर प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारियों से सवाल पूछा है।
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