आज़ाद हिन्द फ़ौज के गठन पर गोष्ठी,
MEERUT / न ताजी सुभाष जन्मदिवस समारोह समिति द्वारा पी एल शर्मा स्मारक भवन में आयोजित राष्ट्रनायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा आज़ाद हिन्द फ़ौज के गठन के 82 वें स्थापना दिवस पर आयोजित गोष्ठी में मुख्य वक्ता पूर्व सांसद व पाच्यजन्य के संपादक रहे तरुण विजय ने आज़ादी मिलने में नेताजी सुभाष की भूमिका ओर आजाद हिन्द फ़ौज के योगदान ओर राजनीतिज्ञों द्वारा उसे सामने न आने देने की कोशिशों पर व्याख्यान देते हुए युवाओं को सुभाष चन्द्र बोस के योगदान का अध्ययन करने की अपील की उन्होंने कहा के विश्वविद्यालयों को क्रांतिकारियों से जुड़े त्योहार आयोजित करने चाहिएं । तरुण विजय ने सवाल उठाए के क्या कारण रहे के काली पलटन का मंदिर राष्ट्रीय स्मारक नही बन सका और देश मे कुछ अंग्रेजों की कब्र राष्ट्रीय स्मारक अवश्य हैं । पूर्व सांसद ने कहा के सुभाष बोस को मानने की पहली शर्त दासता की मानसिकता से मुक्ति है । सन 1947 में अंग्रेजों द्वारा बस सत्ता का स्थानांतरण किया गया । और तब से तमाम कोशिशें की जाती रही के सुभाष चन्द्र बोस को ज्यादा महत्व न दिया जाए और फिर अभी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्मारक बनाया ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ ध्रुव कान्त ठाकुर ने अपने उद्बोधन में कहा के हम सब अपने इतिहास से सीखते हैं हम अपने देश की सीमा लांघकर किसी पर आक्रमण नही करते लेकिन कोई हमपर आक्रमण करे तो उसे छोड़ते भी नही । उन्होंने कनाडा का नाम लिए बगैर कहा के हमारे देश के जो दुश्मन विदेश में हैं हमे उनके संहार का अधिकार होना चाहिए ।
समाजसेवी अजय गुप्ता की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम का संचालन अरुण जिंदल ने किया और कार्यक्रम की प्रारंभिक प्रस्तावना भी उनके द्वारा रखी गयी कार्यक्रम के अंत मे बी एन पराशर के साथ सभी ने कौमी तराने का गायन किया । कार्यक्रम में हरिओम पंवार , विनोद भारतीय, आर के भटनागर अवधेश त्यागी दीपक शर्मा मनमोहन भल्ला सुमनेश सुमन ईश्वर चन्द्र गम्भीर सुदेश दिव्य अजय तोमर सरिता त्यागी सहयोगी रहे ।