पति की हत्यारी मुस्कान पर सनसनीखेज खुलासा

kabir Sharma
12 Min Read

जेल में सलाखों के पीछे नहीं साहिल शुक्ला व मुस्कान
परले दर्जे की नशे की लत के चलते दोनों फिलहाल कैंपस में नशा मुक्ति केंद्र में

मेरठ/
सौरभ हत्या कांड़ के अभियुक्त साहिल शुक्ला और मुस्कान को जेल की सलाखों के बजाए उन्हें जिला कारागार परिसर स्थित नशा मुक्ति केंद्र में रख गया है। बताया गया है कि दोनों ही परले दर्ज के नशे के आदि हैं। उनकी नशे की लत जेल प्रशासन के अफसरों के लिए मुसीबत बनी हुई है। बताया जाता है कि नशे की जिस अवस्था में साहिल शुक्ला व मुस्कान हैं, उस अवस्था में इतने स्तर के नशे के आदि शख्स को यदि नशा ना मिले तो उनकी हालत बेहद गंभीर हो जाती है। कई मामले तो ऐसे भी हुए हैं जिनमें नशा ना मिलने की वजह से मौत तक हो गयी हैं।
अफसरों के फूल गए हाथ-पांव
सौरभ हत्या कांड के आरोप में जेल भेजे गए साहिल शुक्ला और मुस्कान दोनों को अलग-अलग बैरकों में रखा गया था। जेल की पहली रात दोनों पर बेहद भारी बीती, बताया जाता है कि अगली सुबह जेल प्रशासन अफसरों को भारी पड़ गई। उन्हें लेने के देने पड़ गए। दरअसल नशे की तलब और नशा ना मिलने की वजह से दोनों की हालात बिगड़ने लगी। बैरक से जब यह खबर जेल अफसरों तक पहुंची तो उनमें हड़कंप मच गया। बताया जाता है जब तक मौके पर पर पहुंचे तब तक साहिल शुक्ला व मुस्कान की हालत बुरी तरह से बिगड़ गयी थी। जेल का स्टाफ उन्हें लेकर जेल परिसर में स्थित नशा मुक्ति केंद्र में लेकर दौड़ा। दोनों वहां रखा गया है। जेल भेजे जाने के बाद पहली रात तो उनकी जरूर बैरक में कटी लेकर तब से अब तक दोनों को वहां के नशा मुक्ति केंद्र में ही रखा गया है।
ये नशा करते हैं दोनों
बताया गया है कि साहिल शुक्ला इंजेक्शन से लिए जाने वाला नशा करता है जबकि मुस्कान ड्राई जिसको सूखा नशा भी बोला जाता है, वो करती है। दोनों ही प्रकार के नशे बेहद घातक हैं। और इनका एडिक्ट यानि आदि होने का मतलब इंसान का चलती फिरती लाश बन जाना है। जब तक वो इस प्रकार के नशे में नजर आते हैं तब तक तो सामान्य दिखते हैं लेकिन जैसे ही उसकी बॉडी में इस नशे की मात्रा घटनी शुरू हो जाती है वैसे ही उनकी हालत एकाएक बिगड़ने लगती है। जानकारों की मानें तो यह बेहद महंगा नशा होता है। इसकी एक बार यदि लत पड़ जाए तो फिर वो मर कर ही छूट पाती है। वैसे तो इस प्रकार के नशा करने वाला का कोई इलाज नहीं है और यदि इलाज है भी तो वो कराना हर के बूते के बस की बात नहीं। इस प्रकार के ड्रग्स एडिक्ट की आदत का होना बेहद खतरनाक है और इस प्रकार के ड्रग्स एडिक्ट का इलाज हर जगह संभव नहीं है। छोटे मोटे नशा मुक्ति केंद्र जैसा की करागार परिसर में बताया जा रहा है वहां तो बिलकुल भी नहीं है। जानकारों ने बताया कि जिस दर्ज का नशा साहिल शुक्ला व मुसकान करते हैं आमतौर पर वो नशा हाईसोसाइटी की लेट नाइट पाटियों में इज्वॉय के नाम पर जाने वाले रईस घरों के युवाओं में देखने को मिलता है। इससे अंदाजा लगाया सकता है कि साहिल शुक्ला व मुस्कान की वजह से जेल प्रशासन के लिए कितनी बड़ी सिरदर्दी हो गयी है।
तांत्रिक नहीं ड्रग्स एडिक्ट
साहिल शुक्ला के द्वारा जो तंत्रक्रिया की बातें पब्लिक डोमेन में चल रही है, कुछ अधिकारियों का कहना है कि वो तंत्रक्रिया कतई नहीं है। इसके अलावा सौरभ की हत्या के बाद जिस प्रकार की हरकते मसलन सिर काट लिया, दोनों हाथ भी काट लिए। ऐसी हरकतें अति के नशे का आदि तभी करता है जब अत्याधिक नशा लेने की वजह से वह संज्ञा शून्य हो जाता है। ऐसी मानसिक अवस्था में अनेकों बार या आमतौर पर खुद भी नशे का आदि शख्स गंभीर नुकसान पहुंचा लेता है। साहिल शुक्ला के रूम में जो कुछ भी चित्र दीवारों पर उकेरे हुए मिले हैं वो सब उनके अत्याधिक नशे की अवस्था में की गई ऊलजुलूल हरकतों से ज्यादा कुछ नहीं।
मजाक नहीं तंत्र विद्या

पुलिस टीम ने कसौल में पचास सीसीटीवी खंगाले
जिन होटलों में ठहरे और जहां भी खरीदारी की वहां पहुंची पुलिस टीम

मेरठ/सौरभ हत्या कांड की जांच के लिए कसौल पहुंची मेरठ से भेजी गयी पुलिस ने टीम ने वहां करीब पचास से ज्यादा सीसीटीवी खंगाले हैं। इसके अलावा पुलिस वाले उन सभी स्थानों पर भी पहुंचे हैं जहां पर साहिल शुक्ला व मुस्कान गए थे। पुलिस टीम ने उन सभी जगह के सीसीटीवी के कैमरे खंगाले हैं जहां-जहां वो गए। लोगों से पूछताछ की। जिन होटलों में वह ठहरे वहां के स्टाफ से भी दोनों के बारे में तफसील से जानकारी जुटायी गयी। कसौल व दूसरे स्थानों पर जाकर पुलिस की टीम ने क्या-क्या साक्ष्य जुटाए हैं इसको लेकर अधिकारियों का कहना है कि यह जांच का हिस्सा है और चार्जशीट दायर किए जाने से पहले मीडिया को शेयर किया जाना से केस कमजोर भी हो सकता है। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि हत्याभियुक्तों को उनकी करनी सजा मिले पुलिस का यही प्रयास है। चार्जशीट में पुलिस कोई खामी नहीं छोड़ेगी। एक-एक साक्ष्य को पूरे वैज्ञानिक तरीके से जुटाया जा रहा है। पुलिस अब तक काफी पुख्ता सबूत हत्याभियुक्तों के खिलाफ जुटा चुकी है।
कुछ तो है जिसको ड्राइवर छिपा रहा है
सौरभ शुक्ला की हत्या के बाद लंबे टूअर पर निकलने के लिए जिस कैब को साहिल शुक्ला व मुस्कान ने बुक किया था, पुलिस उससे दोबार पूछताछ कर चुकी है। हालांकि हत्या कांड में पुलिस उसके तार नहीं जोड़ रही है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि कुछ ऐसा है जिसको कैब ड्राइवर छिपा रहा है। जो कैब ड्राइवर 15 दिन साथ रहा हो, वो एक तरह से टुअर पार्टी का हिस्सा ही बन जाता है बकौल पुलिस कैब ड्राइवर ने माना कि वह उन्हीं के साथ खाता था, घुला मिला हुआ था, उसका यह भी कहना है कि दोनों इस कदर खुश नजर आते थे कि लगता नहीं था कि किसी की निर्मम हत्या कर आए हैं। दोनों के बीच हर वक्त हंसी खुशी व मस्ती भरा माहौल रहता था। इन 15 दिनों में ऐसा क्या कुछ खास रहा जो कैब ड्राइवर की नजर में नहीं आया और घटा हो। पुलिस का कहना है कि उससे दोबारा भी पूछताछ की जाएगी।
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साहिल व मुस्कान के अलावा तीसरा कौन
वीडियो वायरल करने वाले की पुलिस को सरगर्मी से तलाश
हत्या कांड़ के बाद साहिल शुक्ला व मुस्कान के लगातार सोशल मीडिया पर अपलोड हो रही वीडियो बने हैं सिरदर्द

मेरठ/सौरभ हत्या कांड़ के बाद साहिल शुक्ला व मुस्कान के वीडियो जारी करने वाले की पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है। इसके लिए साइबर एक्सपर्ट की एक टीम भी तैयार की गयी है जो यह पता लगाएगी कि साहिल व मुस्कान के वीडियो कौन जारी कर रहा है। हत्या कांड को अंजाम देने के बाद साहिल व मुस्कान ने जो कुछ किया उसके वीडियो लगातार जारी किए जा रहे हैं। कुछ वीडियो या आॅडियो ऐसे भी हैं जो केवल दोनों के बीच ही रहने चाहिएं। वो तीसरा शख्स कौन है जो बेहद समझे जाने वाले या दो लोगों के बीच ही रहने वाले वीडियो आॅडियो वायरल कर रहा है। हत्या के बाद 15 दिन के टुअर पर साहिल के साथा मौज मस्ती करती मुस्कान तो अपना वीडियो जारी करने की गलती करेगी नहीं ना ही ऐसी गलती खुद साहिल शुक्ला करेगा तो फिर वो कौन शख्स है जो साऐ की तरह या तो इनके साथ था या फिर इन्हें टेÑस कर रहा था। अधिकारी भी मान रहे हैं कि हत्या जैसी वारदात अंजाम देने के बाद भले ही वो किसी की शातिराना अंदाज में वारदात अंजाम दी गयी हो कभी भी कातिल जिस तरह से वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार अपलोड किए गए रहे हैं वैसे गलती नहीं करेगा। उस तीसरे शख्स तक पहुंचने के लिए ही साइबर एक्सपर्ट की एक टीम तैयार की गयी है।
मीडिया से नाराज परिवार
सौरभ हत्या कांड के बाद जो कुछ भी मीडिया में चल रहा है उससे मृतक के परिजन ही नहीं मुस्कान व साहिल शुक्ला के परिजन भी मीडिया से खासे नाराज हैं। यह भी पता चला है कि इनमें से कोई सोमवार को प्रेस वार्ता में मीडिया पर भडास निकाल सकता है। कुछ अधिकारी भी मान रहे हैं कि कवरेज के नाम पर मीडिया ने इस मामले को लेकर अब अति कर दी है।

शहर के एक जाने माने विद्धान व ज्योतिषी ने नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया कि इस घटना के बाद मीडिया ने तंत्र विद्या को मजाक बनाकर रख दिया है। साधक का पूरा जीवन निकल जाता है लेकिन एक सिद्धी प्राप्त नहीं कर पाता। सालों साल किसी सिद्धी को हासिल करने में निकल जाते हैं। और फिर गृहस्थ जीवन जीते हुए कोई भी तंत्रक्रिया कदापि नहीं कर सकता। जिस पिशाच योगिनी की बात मीडिया की सुर्खियां बनी है उस विद्या के बार में एबीसीडी तक की जानकारी नहीं। जिसको तंत्रक्रिया बताया जा रहा है वह मानसिक संज्ञा शून्य की अवस्था होती है। इस प्रकार की अवस्था में पहुंचने के लिए जरूरी नहीं कि महंगा खरीदकर नशा किया जाए। भांग के सस्ते नशे से भी संज्ञा शून्य की अवस्था में पहुंचा जा सकता है।

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